उत्तराखंड: बसों के प्रदूषण मामले में एजीएम रुद्रपुर पर गिरी गाज, पद से हटाया
बसों के प्रदूषण मामले में रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने रुद्रपुर डिपो के प्रभारी एजीएम महेंद्र कुमार को पद से हटा दिया है।
देहरादून, जेएनएन। प्रदूषण को लेकर दिल्ली में उत्तराखंड रोडवेज की दो बसों पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना और बसों के सीज होने के मामले में रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने रुद्रपुर डिपो के प्रभारी एजीएम महेंद्र कुमार को देर शाम पद से हटा दिया। एजीएम को उनके सहायक लेखाधिकारी के मूल पद पर भेजा गया है। उनके स्थान पर काठगोदाम मंडल के एजीएम (तकनीकी) इंद्रासन को रुद्रपुर का नया एजीएम बनाया गया है।
रोडवेज मुख्यालय के मुताबिक जिन दो बसों पर दिल्ली में कार्रवाई हुई, उन दोनों बसों में छह-छह माह के प्रदूषण जांच पत्र वैध थे। दिल्ली में यह पत्र बीएस-3 श्रेणी के वाहनों पर सिर्फ तीन माह के लिए लागू माने जाते हैं। रुद्रपुर डिपो की जिस बस पर कार्रवाई हुई, उसमें जो प्रमाण पत्र था, वह तीन माह पुराना हो गया था और दिल्ली में मान्य नहीं था। प्रभारी एजीएम की मामले में बड़ी लापरवाही मानी गई।
इसके अलावा रुद्रपुर एजीएम की कईं शिकायतें भी मिल रही थी। इसी के चलते प्रबंध निदेशक की ओर से उन्हें पद से हटाकर काठगोदाम के मंडलीय प्रबंधक कार्यालय में मूल पद पर वापस भेजा गया। बता दें कि, पिछले दिनों दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने इन दोनों बसों को सीज किया था। परिवहन निगम के लिए दिल्ली रूट सबसे फायदे का रूट माना जाता है। प्रदेश से रोजाना करीब 550 बसें दिल्ली लौट-फेर करती हैं। इनमें पुरानी और आयु सीमा पूरी कर चुकी बसों को भी लंबे रूटों पर दौड़ाया जा रहा।
इन्हीं में एक रुद्रपुर डिपो की बस (यूके07पीए-1488) का प्रदूषण फैलाने के मामले में सोमवार को आनंद विहार में एक लाख का चालान हुआ था। इससे पहले ऋषिकेश डिपो की साधारण बस (यूके07पीए-1952) का भी प्रदूषण के मामले में एक लाख का चालान कर उसे सीज किया गया था। दोनों बसों को छुड़ाने के लिए रोडवेज ने अदालत की शरण ली है।
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