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निवेशकों की कमाई हजम करने वालों पर कार्रवाई, सिक्का बिल्डर की आवासीय परियोजना कुर्क

जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सिक्का बिल्डर की सहस्रधारा रोड पर आइटी पार्क के अमन विहार स्थित सिक्का किमाया ग्रीन्स नाम से निर्माणाधीन आवासीय परियोजना को कुर्क कर दिया।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 09:07 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 09:07 AM (IST)
निवेशकों की कमाई हजम करने वालों पर कार्रवाई, सिक्का बिल्डर की आवासीय परियोजना कुर्क
निवेशकों की कमाई हजम करने वालों पर कार्रवाई, सिक्का बिल्डर की आवासीय परियोजना कुर्क

देहरादून, जेएनएन। निवेशकों की खून-पसीने की कमाई को हजम करने वाले बिल्डरों की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इस दिशा में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सिक्का बिल्डर की सहस्रधारा रोड पर आइटी पार्क के अमन विहार स्थित सिक्का किमाया ग्रीन्स नाम से निर्माणाधीन आवासीय परियोजना को कुर्क कर दिया। यह कार्रवाई उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के आदेश पर की गई।

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तहसीलदार सदर एमसी रमोला के मुताबिक रेरा ने अनिल बलूनी नाम के एक निवेशक शिकायत की सुनवाई करते हुए बिल्डर को निवेशक की राशि ब्याज सहित लौटाने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद भी आदेश का अनुपालन नहीं किया तो रेरा अध्यक्ष विष्णु कुमार ने 50.79 लाख रुपये की आरसी (रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी की थी। ताकि भू-राजस्व के बकाये के रूप में उसकी नीलामी की जा सके। 

इसी क्रम में तहसील की टीम ने सिक्का बिल्डर की परियोजना पर कुर्की की कार्रवाई करते हुए उसे सील कर दिया। अब परियोजना की नीलामी के लिए अलग से तारीख तय की जाएगी। ताकि बकाये की राशि को वसूल किया जा सके।

डेढ़ साल से बंद पड़ी है 450 फ्लैट की परियोजना

जिला प्रशासन ने सिक्का बिल्डर की जिस परियोजना को सील किया, उसका निर्माण करीब डेढ़ साल से बंद चल रहा है। यह स्थिति तब है, जब 450 के लगभग फ्लैट निर्माण की इस परियोजना में 200 से अधिक फ्लैट बुक भी किए जा चुके हैं।

रेरा अध्यक्ष विष्णु कुमार ने बताया कि सिक्का बिल्डर के खिलाफ आई सात शिकायतों का अब तक निस्तारण भी किया जा चुका है और 10 से अधिक प्रकरणों पर सुनवाई की जा रही है। निस्तारित किए गए सभी प्रकरण निवेशकों के पक्ष में गए हैं। इसके बाद भी बिल्डर न तो निवेशकों की राशि लौटा पा रहा है, न ही परियोजना का निर्माण पूरा किया जा रहा। 

परियोजना में ऐसे भी निवेशक हैं, जिन्होंने तीन साल पहले फ्लैट बुक करा लिए थे। ऐसा भी नहीं कि परियोजना के नक्शे की अवधि पूरी हो गई है। अभी वर्ष 2021 तक निर्माण के लिए नक्शा वैध है। इसके बाद भी निर्माण न किया जाना बिल्डर की मंशा पर भी सवाल खड़े करता है। रेरा अध्यक्ष के मुताबिक निवेशकों के सपनों के साथ छल करने वाले बिल्डरों के साथ किसी भी तरह की रियायत नहीं बरती जाएगी।

रेरा के 250 आदेशों में की जा रही नाफरमानी

बड़ी संख्या में बिल्डर लोगों को उनके सपनों के घर का ख्वाब दिखाकर मोटी रकम वसूल रहे हैं और उन्हें समय पर कब्जा भी नहीं दे पा रहे। रेरा में दर्ज की गई शिकायतें इसकी तस्दीक करती हैं। रेरा में बिल्डरों के खिलाफ की गई शिकायतों में अब तक 300 से अधिक का निस्तारण किया जा चुका है।

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इसमें से 285 शिकायतों में बिल्डरों को ब्याज के साथ धनराशि लौटाने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही उन पर विलंब के लिए पेनाल्टी भी लगाई गई है। इन प्रकरणों में से 250 के करीब ऐसे हैं, जिनमें बिल्डरों ने आदेश का पालन करना भी मुनासिब नहीं समझा। ऐसे ही बिल्डरों के खिलाफ अब रेरा आरसी जारी करने की कार्रवाई कर रहा है।

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