निरंजनपुर मंडी परिसर में अतिक्रमण के खिलाफ की कार्रवाई
निरंजनपुर मंडी परिसर में अतिक्रमण पर मंडी समिति सख्त हो गई है। मंडी अध्यक्ष और सचिव की ओर से अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है।
देहरादून, जेएनएन। निरंजनपुर मंडी परिसर में अतिक्रमण पर मंडी समिति सख्त हो गई है। मंडी अध्यक्ष और सचिव की ओर से अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। मंगलवार को समिति ने सात दुकानों के चालान काटे और दुकानदारों से एक-एक हजार का जुर्माना वसूला। मंडी अध्यक्ष ने आढ़तियों को दोबारा अतिक्रमण पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
मंडी अध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि मंडी परिसर में निरीक्षण कर व्यवस्थाएं जांची। जिन दुकानों के बाहर अतिक्रमण मिला, वहां दुकानदारों के चालान काटने के साथ ही एक-एक हजार का जुर्माना वसूला गया। दुकानदारों को चेतावनी दी कि दोबारा अतिक्रमण होने पर पांच हजार का जुर्माना लिया जाएगा। बताया कि आढ़ती की दुकान के आगे सब्जी बेचने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
मंडी में अतिक्रमण करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके अलावा अध्यक्ष ने दुकानदारों को सैनिटाइजर स्टैंड लगाने के निर्देश का पालन करने की अंतिम चेतावनी दी। जो दुकानदार सैनिटाइजर का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। उनके यहां कोरोना का केस मिलने पर दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। उन्होंने आढ़तियों को मंडी खुलने से पहले वाहन को लोड-अनलोड करने के निर्देश दिए। इस दौरान मंडी सचिव विजय प्रसाद थपलियाल, मंडी निरीक्षक अजय डबराल, प्रीतम डिमरी मोहित सिंह मौजूद रहे।
नदी श्रेणी की जमीन से अवैध कब्जा हटाया
डोईवाला तहसील प्रशासन ने मारखमग्रांट सेकेंड माधोवाला सुसुवा नदी के किनारे नदी श्रेणी की भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को जेसीबी मशीन से ध्वस्त किया। अतिक्रमण की गई जमीन पर ट््यूबवेल, मकान व बाउंड्रीवॉल बनाई गई थी। उप जिलाधिकारी डोईवाला लक्ष्मी राज चौहान ने बताया कि माधोवाला सुसुवा नदी किनारे आइटीबीपी के समीप नकरौंदा निवासी एक व्यक्ति द्वारा अवैध अतिक्रमण कर निर्माण कार्य किया गया था। जिसकी जांच चल रही थी।
उन्होंने बताया कि तहसीलदार डोईवाला रेखा आर्य की जांच में यह प्रकाश में आया कि जमीन नदी श्रेणी की है। उन्होंने बताया कि इस मामले में सोमवार को कानूनगो हरी अवतार व लेखपाल जयपाल सिंह रावत के नेतृत्व में अवैध कब्जा करके जमीन पर किए गए निर्माण कार्य को ध्वस्त कर दिया गया। लेखपाल जयपाल रावत ने बताया कि अवैध कब्जा की गई करीब सात बीघा जमीन पर ट्यूबवेल, कमरे व बाउंड्रीवाल का निर्माण किया गया था। उन्होंने बताया इसके अलावा नदी के किनारे कुछ अन्य झुग्गी झोपड़ी को भी ध्वस्त किया गया।