दस साल की मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोपित दोषी करार, इसदिन सुनाई जाएगी सजा
मासूम के साथ दरिंदगी के बाद निर्ममता से उसकी हत्या कर शव छिपाने के आरोपित युवक को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने सोमवार को दोषी करार दे दिया।
देहरादून, जेएनएन। दस साल की मासूम के साथ दरिंदगी के बाद निर्ममता से उसकी हत्या कर शव छिपाने के आरोपित युवक को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने सोमवार को दोषी करार दे दिया। सजा का ऐलान बुधवार को होगा। दिल दहला देने वाली इस वारदात को सहसपुर थाना क्षेत्र के सिंघनीवाला स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज की निर्माणाधीन बिल्डिंग में अंजाम दिया गया था।
विशेष लोक अभियोजक भरत सिंह नेगी ने अदालत को बताया कि घटना 28 जुलाई 2018 की है। घटनाक्रम के अनुसार दस साल की बच्ची पांच और सात साल के चचेरे भाई-बहन के खेल रही थी। दोपहर में खाने के वक्त वह घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। शाम तक बच्ची नहीं मिली तो पुलिस को सूचना दी गई। इसी दिन देर शाम सिंघनीवाला स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माणाधीन बिल्डिंग में मजदूरों के लिए बनी एक झोपड़ी से बच्ची का शव बरामद हुआ। शव को सीमेंट की बोरियों के नीचे दबाकर रखा गया था।
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बच्ची के माता-पिता भी उसी बिल्डिंग में मजदूरी करते थे। दोपहर के समय वहां मौजूद लोगों के बयान लिए गए तो पता चला कि बच्ची को जय प्रकाश तिवारी पुत्र रामजस तिवारी निवासी ग्राम निमकपुरा थाना कुमारगंज, अयोध्या, उत्तर प्रदेश के साथ देखा गया था। अगले दिन जयप्रकाश को तिमली के जंगल से गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत में चार्जशीट आने के बाद शुरू हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल 17 गवाह पेश किए, जबकि बचाव पक्ष से कोई गवाह पेश नहीं हुआ। वैज्ञानिक साक्ष्यों और बयानों के आधार पर अदालत ने जय प्रकाश तिवारी को दोषी करार दे दिया। सजा का ऐलान बुधवार को होगा।
दस रुपये का लालच देकर किया दुष्कर्म
पुलिस की विवेचना में सामने आया था कि जय प्रकाश ने बच्ची को दस रुपये का लालच देकर अपनी झोपड़ी में बुलाया। यहां उसने दस रुपये दिए, जिसके बाद वह उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। दर्द हुआ तो बच्ची चीखने लगी, इस पर जय प्रकाश ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को छिपाकर बाहर आ गया। जिस समय परिजन और पुलिस बच्ची की तलाश कर रहे थे, जय प्रकाश वहीं मौजूद रहा। शव बरामद होने के बाद बच्ची के हाथ में दस रुपये का नोट मिला और कुछ बाल भी मिले। यह बाल फोरेंसिक रिपोर्ट में जय प्रकाश के बताए गए।
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