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मेडिकल कॉलेज में दाखिले में धोखाधड़ी पर मुख्य आरोपित की संपत्ति की अटैच Dehradun News

एचआइएचटी मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर की गई 1.29 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपित की 19.52 लाख रुपये की संपत्ति अटैच की है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 09:32 AM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 09:32 AM (IST)
मेडिकल कॉलेज में दाखिले में धोखाधड़ी पर मुख्य आरोपित की संपत्ति की अटैच Dehradun News
मेडिकल कॉलेज में दाखिले में धोखाधड़ी पर मुख्य आरोपित की संपत्ति की अटैच Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जौलीग्रांट स्थित एचआइएचटी मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर की गई 1.29 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपित की 19.52 लाख रुपये की संपत्ति अटैच की है। जांच अभी जारी है, इस मामले में कुछ और संपत्ति जल्द अटैच की जा सकती है।

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ईडी के उत्तराखंड के उप निदेशक रवींद्र जोशी के मुताबिक वर्ष 2015 में पुलिस ने हिमालयन इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआइएचटी) मेडिकल कॉलेज में पीजी में दाखिले के नाम पर 1.29 करोड़ रुपये की वसूली का मुकदमा दर्ज किया था। इसमें विट एडुलिंक प्रा. लि. के निदेशक रोहित चौहान, अंकुश सागर खत्री समेत संदीप गुप्ता, अनुभव गर्ग, राजीव राणा, सतीश नेगी, सुधाकर नेगी, सुरजीत सिंह, विजय पाल को आरोपित बनाया गया है।

प्रकरण में पुलिस चार्जशीट भी फाइल कर चुकी है। वर्ष 2016 में ईडी ने भी इस दिशा में कार्रवाई करते हुए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डिंग एक्ट (पीएमएलए) में मामला दर्ज किया था। इस दिशा में अब कार्रवाई करते हुए ईडी ने रोहित सिंह चौहान की 19.52 लाख रुपये की संपत्ति को अटैच कर दिया है। यह संपत्ति उत्तर प्रदेश के एटा जिले के चमकड़ी गांव में है। जिसमें चमकड़ी में संयुक्त नाम की 0.138 हेक्टेयर भूमि शामिल है। इसके अलावा नई दिल्ली के रंजीत नगर स्थित फ्लैट को भी अटैच किया गया। बताया जा रहा है कि ईडी के हाथ जल्द अन्य आरोपियों तक भी जाएंगे, जिसके अनुरूप संपत्तियों को अटैच करने का सिलसिला जारी रहेगा।

कंपनी के खाते में जमा की गई थी रकम

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रोहित चौहान व उनके सहयोगियों पर यह मामला लक्कम बिकासपति, डॉ. अमरदीप कुमार, डॉ. सिद्धांत कुलकर्णी, डॉ. तरुण राव की शिकायत पर दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि मैनेजमेंट कोटे के तहत पीजी कोर्स में दाखिले के नाम पर उनसे 1.29 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। ईडी की जांच में पता चला कि बड़ी राशि रोहित चौहान की कंपनी के खाते में भी ट्रांसफर की गई थी। इसके बाद इस राशि को कई खातों में ट्रांसफर किया गया। इनमें कुछ खाते रोहित चौहान के परिजनों के भी शामिल थे। कुछ राशि कंपनी के खाते से कैश में भी निकाली गई, जिसे अन्य खातों में जमा कराया गया।

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