उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार भी डिजिटल इंडिया की नाव पर सवार
त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के सामने 2019 में 2014 के प्रदर्शन को दोहराने का दबाव तारी है। केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं के बूते ही जन आकांक्षाओं का मुकाबला करने का दांव चला है।
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। मोदी मैजिक के बूते तीन चौथाई से ज्यादा बहुमत के साथ प्रदेश की सत्ता पर काबिज त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के सामने 2019 में 2014 के प्रदर्शन को दोहराने का दबाव तारी है। लिहाजा प्रदेश सरकार ने भी केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं के बूते ही जन आकांक्षाओं का मुकाबला करने का दांव चला है। खासतौर पर आम जनता, कार्मिकों, कारोबारियों, किसानों, महिलाओं, युवाओं समेत मतदाताओं के तमाम तबकों को लुभाने और सुशासन का अहसास कराने के लिए केंद्र की तर्ज पर ही राज्य सरकार ने भी डिजिटल इंडिया की चमक बिखेरने की कोशिश की है। वहीं ढांचागत विकास और पलायन की मुंहबाए खड़ी पहाड़ जैसी चुनौतियों से जूझने में भी केंद्र की महत्वाकांक्षी योजनाएं राज्य सरकार के लिए भी बड़ी मददगार बनी हुई हैं।
लोकसभा चुनाव से ऐन पहले बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल अभिभाषण ने साफतौर पर ये संकेत दे दिया है। राज्य की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने दो साल पहले जब कार्यभार संभालने के बाद अपना पहला बजट पेश किया था तो उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्येय वाक्य सबका साथ, सबका विकास को अपने एजेंडे की पंचलाइन बनाया था। अब लोकसभा चुनाव के मौके पर बजट सत्र में राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने भी उत्तराखंड को विकसित राज्य की श्रेणी में ले जाने के लिए सबका साथ, सबका विकास की अवधारणा को सरकार की प्राथमिकता बताया है।
अभिभाषण के जरिये सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार की ओर से दिखाई गई राह पर चलकर हासिल की गईं उपलब्धियों को विस्तार से बयां किया। सरकारी कामकाज के स्तर में सुधार, पारदर्शिता, भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस में प्रौद्योगिकी से मिल रही मदद को भी विस्तार से सामने रखा गया है। आने वाले समय में भी प्रौद्योगिकी के कारगर हथियार के बूते ही आम नागरिकों से लेकर कर्मचारियों, किसानों, युवाओं के बड़े वर्ग को साधने की तैयारी है। 43 पृष्ठ के राज्यपाल अभिभाषण में अधिकतर में प्रौद्योगिकी की मदद से नागरिक सेवाओं की पहुंच आम आदमी तक, केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन, औद्योगिक विकास की उच्च दर रखने की आकांक्षा की पूर्ति, कौशल विकास, यहां तक कि पलायन जैसी विकट समस्या के समाधान में भी डिजिटल इंडिया से उम्मीदें बांधी गई हैं।
किसानों की ऋण माफी को लेकर सरकार पर निशाना साधते रहे विपक्ष को जवाब देने के लिए अभिभाषण में किसानों और कृषि क्षेत्र पर खास फोकस किया गया है। गन्ना किसानों को भुगतान का दिलासा देते हुए गन्ना फसल क्षेत्र पिछले साल की तुलना में आठ फीसद बढ़ाने को सरकार ने उपलब्धि के तौर पर सामने रखा है। इन्वेस्टर समिट में पूंजी निवेश के अब तक मिले ठोस प्रस्तावों के बूते 38 हजार को रोजगार मिलने और लघु, मध्यम व छोटे उद्योगों में 10 हजार से ज्यादा रोजगार मिलने की संभावनाओं को बताया गया है। सैनिक बहुल उत्तराखंड में सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों, अद्र्धसैनिकों के लिए कल्याण योजनाओं का जिक्र करने से सरकार नहीं चूकी। शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर उठने वाले सवालों का जवाब भी अभिभाषण में देने की कोशिश सरकार ने की है।
राज्यपाल अभिभाषण में ये भी हैं खास बातें:
- स्थानीय उत्पादों रिंगाल, रामबांस पर आधारित उत्पादों पर कर की दर 18 फीसद से कम कर की पांच फीसद, गुड़ को कर मुक्त श्रेणी के रूप में वर्गीकृत
- वर्ष के अंत तक न्याय पंचायत व ग्राम स्तर पर करीब 900 फार्म मशीनरी बैंक होंगे स्थापित
- प्रत्येक जिले में 10 हाईग्रोथ क्लस्टर बनाए जाएंगे, कृषि, औद्यानिकी व संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देंगे
- इन्वेस्टर समिट-डेस्टिेशन उत्तराखंड में 124 लाख करोड़ रुपये के कुल 601 एमओयू पर हस्ताक्षर
- एमएसएमई में 2079 इकाइयों की स्थापना से 412 करोड़ का पूंजी विनियोजन और 10737 लोगों को रोजगार
- डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत पायलट जिलों अल्मोड़ा और पौड़ी में भू अभिलेखों का आधुनिकीकरण
- पर्वतीय क्षेत्रों में स्वैच्छिक चकबंदी किए जाने की प्रक्रिया गतिमान, चकबंदी कमेटी का गठन, चकबंदी के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कार्यवाही शुरू
- सेना व अद्र्धसैनिक बलों के शहीद सैनिकों के आश्रितों को राज्याधीन सेवाओं में अनुकंपा के आधार पर सेवायोजन
- लोक सेवा आयोग के माध्यम से रिक्त पदों के सापेक्ष 103 अभ्यर्थियों का चयन, 945 रिक्त पदों पर चयन की प्रक्रिया गतिमान
- अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से कुल रिक्तियों के सापेक्ष 6468 पदों की विज्ञप्ति जारी, शेष पदों की चयन प्रक्रिया गतिमान
- नागरिकों को सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराने को कॉमन एप्लीकेशन पोर्टल को तैयार करते हुए 100 सेवाएं प्रारंभ करने का लक्ष्य
- डिजिटल माध्यम से नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराने को 7300 देवभूमि जनसेवा केंद्र कार्यशील, 80 हजार लोग प्रशिक्षित
- मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल के तहत जन शिकायतों के निस्तारण को उत्तराखंड लोक सेवा अभिकरण का गठन, इसके तहत सेवा का अधिकार आयोग एवं समाधान पोर्टल से संबंधित कार्य होंगे संचालित
- राज्य महिला सहायता प्रकोष्ठ का गठन, अपराध पीडि़त महिलाओं को अब तक 4.033 करोड़ की क्षतिपूर्ति
- विभिन्न इमरजेंसी सेवाओं को एकीकृत कर कॉमन इमरजेंसी नंबर में परिवर्तित कर देहरादून में स्टेट इमरजेंसी रिस्पॉंस सेंटर मुख्य कंट्रोल रूप की स्थापना
- आपदा के प्रति संवेदनशील उत्तराखंड में आइआइटी रुड़की के सहयोग से भूकंप पूर्व चेतावनी यंत्र की स्थापना, राज्य का डिजास्टर रिस्क डाटाबेस तैयार
- जमरानी बांध को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किए जाने को प्रभावी कार्यवाही गतिमान
- उत्तराखंड वाटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट से किसानों की आय दोगुना करने में मिलेगी मदद
- देहरादून व उपनगरीय क्षेत्रों की वर्ष 2051 तक आबादी वृद्धि के मद्देनजर सौंग नदी पर 978 करोड़ की लागत से सौंग पेयजल बांध योजना प्रस्तावित, यह योजना रिस्पना व बिंदाल नदियों के पुनर्जीवीकरण में भी सहायोग होगी
- त्यूनी-प्लासू, हरिपुरा एवं तुमरिया जलाशय की खाली भूमि पर 40 मेगावाट हरित ऊर्जा का होगा उत्पादन
- मद्य निषेध की मूल अवधारणा को प्रमुखता प्रदान करते हुए मादक पदार्थोँ की अवैधानिक बिक्री पर लगाई जाए रोक
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय देवभूमि 108 आपातकालीन सेवा के तहत 61 नई एंबुलेंस खरीदीं, 78 एंबुलेंस खरीदने की प्रक्रिया जारी
- राज्य के समस्त राशन कार्डों का शत-प्रतिशत ऑनलाइन डिजिटाइजेशन, खाद्य योजना में कैश डीबीटी प्रारंभ
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ती पुरस्कार को आंगनबाड़ी केंद्रों का चयन
- आरटीइ मानकानुसार 255 प्राथमिक और 46 उच्च प्राथमिक विद्यालयों का विलीनीकृत किया
- सरकारी व मान्यताप्राप्त निजी विद्यालयों में एनसीईआरटी की पाठ्य-पुस्तकें लागू
- तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम फेस-तीन के तहत विश्वविद्यालय व अन्य चयनित तकनीकी संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में किया जाएगा विकसित
- गढ़वाल व कुमाऊं मंडल में एक-एक राजकीय आदर्श संस्कृत विद्यालय
- वार्षिक बजट में पांच फीसद सड़क सुरक्षा के लिए प्रावधान
- भारत-नेपाल के लिए उत्तराखंड राज्य से परिवहन सेवाओं को प्रारंभ किया गया है।
- अनुसूचित जाति-जनजाति के बच्चों के विकास को विभिन्न योजनाएं
- पूर्व सैनिकों, शहीदों और उनके आश्रितों के कल्याण और पुनर्वास को प्रशिक्षण शिविर, प्रतिवर्ष 500 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित करना
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