आयुष्मान योजना का लाभ न मिलने से राजकीय पेंशनर्स खफा
जागरण संवाददाता ऋषिकेश केंद्र सरकार ने इस वर्ष 26 जनवरी को आयुष्मान भारत योजना की शुरुअ
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश
केंद्र सरकार ने इस वर्ष 26 जनवरी को आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। सेवानिवृत्त राजकीय संगठन ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि हमारे लिए अब तक इस योजना से संबंधित शासनादेश लागू नहीं हुआ है। संगठन ने इस योजना की व्यवहारिकता पर भी आपत्ति जताई।
ऋषिकेश प्रेस क्लब सभागार में रविवार को राजकीय पेंशनर्स संगठन की बैठक आयोजित की गई। संगठन के अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने 26 जनवरी को आयुष्मान भारत योजना लागू की थी। मगर सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर्स के लिए अब तक शासनादेश लागू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस योजना में सरकारी हॉस्पिटल से रेफर किए जाने की बाध्यता समाप्त होनी चाहिए। उपस्थित सदस्यों ने इस योजना के अंतर्गत इस बात पर भी आपत्ति जताई कि बीमारी विशेष के लिए हॉस्पिटल का चिह्निकरण किया जाना व्यवहारिक नहीं है। सभी चिह्नित हॉस्पिटल में सभी बीमारियों का उपचार होना चाहिए। संगठन ने सातवें वेतन आयोग की संस्तुति पर उत्तराखंड में मनमाने तरीके से संशोधन लागू किए जाने पर भी आपत्ति जताई। संगठन सदस्यों ने कहा कि केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की संस्तुति करते हुए एक जनवरी 2016 से राज्य के पेंशनर्स की पेंशन संशोधित किए जाने की व्यवस्था की है। मगर उत्तराखंड में मनमाने तरीके से एक नवंबर 2018 से यह संशोधन लागू किया जा रहा है, जोकि सातवें वेतनमान के लाभ से वंचित किए जाने का षड्यंत्र है। बैठक में संगठन के संरक्षक डॉ. जीके सिघल, उपाध्यक्ष सीएस पयाल, संयुक्त सचिव भारती पंत, सांस्कृतिक सचिव आरएस गुप्ता, कोषाध्यक्ष एसपी संगल, बिदन सिंह नेगी, सूर्य गुप्ता, एमसी अग्रवाल, शैलेंद्र भारद्वाज, वीके आर्य, विमला शर्मा, उमा जोशी, कलावती, सुशीला शर्मा, कृष्णा देवी, स्नेह लता भारद्वाज आदि मौजूद रहे। पेंशनर्स ने की प्रशासन की निदा
राजकीय पेशवर संगठन ने स्थानीय प्रशासन के रवैया की निदा की। संगठन की बैठक स्वर्ण जयंती सभागार नगर निगम में बुलाई गई थी मगर एक दिन पूर्व बैठक का स्थान परिवर्तन करना पड़ा। बैठक में संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि जब बैठक की अनुमति लेने उप जिलाधिकारी के पास गए तो उन्होंने सरकारी भवन में आचार संहिता के कारण कोई भी बैठक या कार्यक्रम कराने से इंकार कर दिया और उनका व्यवहार पेंशनर्स के प्रति भी ठीक नहीं था।