Move to Jagran APP

युवा सीएम से कर्नल कोठियाल की मांग, कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े की हो सीबीआइ जांच

सेवानिवृत्त कर्नल(सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल ने कुंभ कोरोना जांच घोटाले में सीबीआइ जांच की मांग की है। उन्होंने ने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारियों को घोटाले में निलंबित कर इस चैप्टर को बंद करने का काम किया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 02:58 PM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 02:58 PM (IST)
युवा सीएम से कर्नल कोठियाल की मांग, कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े की हो सीबीआइ जांच
युवा सीएम से कर्नल कोठियाल की मांग, कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े की हो सीबीआइ जांच।

जागरण संवाददाता, देहरादून। आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता कर्नल (सेवानिवृत) अजय कोठियाल ने कुंभ के दौरान हुए कोरोना टेस्टिंग घोटाले की सरकार से सीबीआइ जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सिर्फ दो अफसरों को निलंबित कर सरकार इस मामले में जवाबदेही से नहीं बच सकती है।

loksabha election banner

शुक्रवार को आप के प्रदेश कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि इतना बड़ा घोटाला राजनीति संरक्षण के बिना नहीं हो सकता है, ऐसे में असल गुनहगारों के चेहरे को बेनकाब करने के लिए सीबीआइ (सेंट्रल ब्यूरो आफ इंवेस्टिगेशन) जांच जरूरी है। कहा कि कुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग घोटाला व दूसरी लहर के दौरान हुई हजारों व्यक्तियों की मौत पर भाजपा सरकार पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीर हैं तो उन्हें तत्काल इस मामले को सीबीआइ के हवाले करें। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो यह साफ हो जाएगा कि वह भी इस घोटाले के गुनहगारों के साथ खड़े हैं।

------------------------ 

सशक्त भू-कानून को विधानसभा कूच

भू-अध्यादेश अधिनियम अभियान उत्तराखंड संगठन ने प्रदेश में भू-कानून हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर सशक्त करने की मांग को लेकर विधानसभा कूच किया। अभियान के पदाधिकारी व कार्यकर्त्‍ता शुक्रवार को फव्वारा चौक पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ एकत्रित हुए थे। पुलिस ने कार्यकर्त्‍ताओं को रिस्पना पुल से पहले बेरिकेडिंग पर रोक दिया। जिसके बाद अभियान के कार्यकर्त्‍ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।

भू-अध्यादेश अधिनियम अभियान उत्तराखंड संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शंकर सागर ने मुख्यमंत्री को प्रेषित किए गए ज्ञापन में कहा कि उत्तराखंड का भू-कानून हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर सशक्त किया जाए। जिससे ऊंचे पदों पर बैठे लोग जमीन की खरीद फरोख्त न करें। वर्ष 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवाड़ी ने जनता की मूलभावना का सम्मान करते हुए राज्य में बाहरी व्यक्ति को केवल पांच सौ वर्ग मीटर जमीन खरीदने का अधिकार दिया था। वर्ष 2007 में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंड्री ने पांच सौ वर्ग मीटर की भूमि को और कम कर ढाई सौ वर्ग मीटर का नियम लागू करवाया। लेकिन वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने सभी नियमों को बदलते हुए भूमाफिया के लिए प्रदेश के द्वार खोल दिए जोकि निंदनीय है।

यह भी पढें- ट्रैक्टर पर गन्ना लाद निकले प्रीतम सिंह समेत कांग्रेसी, सरकार के खिलाफ बोला हल्ला; विधानसभा के गेट तक चला प्रदर्शन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.