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बुजुर्ग महिलाओं से गहने ठगने वाले गुजराती बावरिया गैंग का एक सदस्य गिरफ्तार

दून में बुजुर्ग महिलाओं को पैसों का झांसा देकर उनसे गहने ठगने वाले गुजराती बावरिया गैंग के एक सदस्य को कोतवाली पुलिस ने दबोच लिया, जबकि ठग का दूसरा साथी भाग निकला।

By Edited By: Published: Wed, 30 May 2018 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 30 May 2018 09:06 PM (IST)
बुजुर्ग महिलाओं से गहने ठगने वाले गुजराती बावरिया गैंग का एक सदस्य गिरफ्तार
बुजुर्ग महिलाओं से गहने ठगने वाले गुजराती बावरिया गैंग का एक सदस्य गिरफ्तार

देहरादून, [जेएनएन]: दून में बुजुर्ग महिलाओं को पैसों का झांसा देकर उनसे गहने ठगने वाले गुजराती बावरिया गैंग के एक सदस्य को कोतवाली पुलिस ने दबोच लिया, जबकि ठग का दूसरा साथी भाग निकला। आरोपित ने विगत सात मई को पीपल मंडी में बुजुर्ग महिला के साथ हुई ठगी की घटना में अपना हाथ कबूला है। 

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पुलिस के मुताबिक ठग मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं और मोढ़े़ बनाने का काम करते हैं। इसी की आड़ में वह ठगी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। देशभर में गैंग के 25 सदस्य सक्रिय हैं। 

विदित है कि इसी गैंग ने दून में पांच मई को बुजुर्ग बंसती देवी पत्नी रंजीत सिंह निवासी इंद्रानगर को दून अस्पताल के पास और सात मई को कमलेश नारंग निवासी पीपलमंडी को राजा रोड पर ठगी का शिकार बनाया था। जिसमें ठगों ने महिलाओं से यह कहकर गहने ठग लिए थे कि उनके पास काफी पैसा है, वह उनके गहने महंगे दाम में खरीद सकते हैं। 

दोनों बुजुर्ग महिलाएं झांसे में आ गई थीं और उन्होंने अपने गहने उतारकर ठगों को दे दिए। जिसके बाद ठगों ने एक कपडे में नोट के आकार के कागज की गड्डी जिनके ऊपर, नीचे और बीच में असली नोट थे, थमाकर फरार हो गए थे। 

दोनों मामलों में कोतवाली नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर ठगों की तलाश शुरू की। घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो दोनों घटनाओं में किसी संगठित गैंग का हाथ होना पाया गया। जिसके बाद एसएसआइ कोतवाली अशोक राठौर के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। 

कोतवाल बीबीडी जुयाल ने बताया कि जांच में सामने आया कि दोनों घटनाओं में अलग-अलग चार व्यक्तियों का हाथ है। जिसके बाद टीमों को जनपद के साथ ही अन्य राज्यों में भेजा गया। जानकारी प्राप्त करने पर घटनाओं में गुजरात के बावरिया ठग गैंग का होना प्रकाश में आया। पता चला कि इस गैंग के सदस्य वर्तमान में दिल्ली में रह रहे हैं। जिसके बाद दिल्ली में एक टीम को भेजा गया। 

वहां से पता चला कि गैंग के दो सदस्य अब भी दून में हैं और ठगी की वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। जिसके बाद टीम ने मुखबिर की सूचना मिली कि दो व्यक्ति मद्रासी कॉलोनी से रेलवे स्टेशन की ओर आ रहे हैं। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वह भागने लगे। जिस पर पुलिस ने पीछा कर एक व्यक्ति को दबोच लिया, जबकि दूसरा भाग निकला। 

पूछताछ में उसकी पहचान नवल उर्फ किशन पुत्र कन्हैया लाल निवासी साढे़ बाहर गज रघुवीर नगर दिल्ली, जबकि फरार ठग का की पहचान गोलू पुत्र नामालूम निवासी उपरोक्त के रूप में हुई। 

मोढ़े़ बनाना है मुख्य व्यवसाय 

एसएसआइ कोतवाली नगर अशोक राठौर ने बताया कि यह मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं। वर्तमान में साढे़ बारह गज रघुवीर नगर में परिवार संग किराये पर रहता था। इसका मूल व्यवसाय मोढ़े बनाने का है। इनकी बिरादरी गुजराती बावरिया के नाम से जानी जाती है। इस जाति के अधिकतर लोग मोढ़े बनाने काम करते हैं। आरोपित का बड़ा भाई यहां मद्रासी कॉलोनी में किराये पर रह रहा है, और वह भी मोढ़े बनाने का काम करता है। 

ऐसा करते हैं ठगी 

पुलिस के मुताबिक ठगी करते समय वह पहले एक बच्चे को किसी बुजुर्ग के पास भेजते हैं। वह बच्चा महिला के पास जाकर कहता कि उसे भूख लगी है, कुछ पैसे दे दो। तभी दूसरा बच्चे के पास पहुंचकर अपने पास से पैसे देकर महिला से बातचीत करने लगता है। इसके बाद वह अपने पास पैसे होने का झांसा देते है और महिलाओं को उनके पहने जेवर मंहगे दामों में खरीदने की बात कहते हैं और ठग लेते हैं। 

देशभर में 20 से 25 सदस्य हैं सक्रिय 

आरोपित ने बताया कि करीब 20-25 लोग इस काम को करते हैं। उनके अलावा देहरादून में एक करन जो सुल्तानपुरी दिल्ली में रहता है, भी अपने एक साथी के साथ आया था, जो कि अपने रिश्तेदारों में सहारनपुर धर्मशाला में रह रहा था। पुलिस अन्य ठगों की तलाश में जुट गई है।

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