ईगास महोत्सव में बिखरेगी पहाड़ी संस्कृति की छटा, भैलू व स्थानीय व्यंजन होंगे आकर्षण का केंद्र
देवभूमि ईगास महोत्सव संस्था की ओर से 26 नवंबर को भव्य आयोजन किया जाएगा। ईगास और भैलू को लेकर संस्था ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। महोत्सव में पहाड़ी व्यंजन आगंतुकों को लुभाएंगे। रविवार को प्रेस क्लब में आयोजित बैठक में संस्था के सदस्यों ने आयोजन की रूपरेखा पर चर्चा की।
देहरादून,जेएनएन। देवभूमि ईगास महोत्सव संस्था की ओर से 26 नवंबर को भव्य आयोजन किया जाएगा। ईगास और भैलू को लेकर संस्था ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। महोत्सव में पहाड़ी व्यंजन आगंतुकों को लुभाएंगे। रविवार को प्रेस क्लब में आयोजित बैठक में संस्था के सदस्यों ने आयोजन की रूपरेखा पर चर्चा की। दीप दीपावली या बूढ़ी दीवाली के नाम से जाने जाने वाले ईगास पर्व पर विभिन्न आयोजन किए जाएंगे।
बैठक की अध्यक्षता लक्ष्मण सिंह रावत ने की, जबकि संचालन सह सचिव प्रदीप कुकरेती ने किया। लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल ने कहा आज से ही आयोजन के प्रचार और निमंत्रण के कार्य में जुट गए हैं। कई सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों के पदाधिकारियों ने बैठक में आयोजन को लेकर सुझाव दिए। बताया कि युवा पीढ़ी को पहाड़ की संस्कृति और परंपराओं से रूबरू कराने के लिए यह आयोजन महत्वपूर्ण है। संस्था के सचिव पंडित राकेश पुरोहित ने बताया कि 26 नवंबर को शाम पांच बजे से हरिद्वार बाईपास कुंजापुरी देवोत्थानी एकादशी व उत्तराखंड के पारंपरिक उत्सव ईगास-बग्वाल सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा।
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इस अवसर पर ढोल-दमाऊ, मशक, रणसिंघा के साथ गढ़वाली मंडाण व चोंफला, झुमेलो आदि नृत्यों की प्रस्तुति भी आकर्षण का केंद्र रहेगी। बैठक में संस्था के कोषाध्यक्ष राजेश सिंह बिष्ट, सह सचिव प्रदीप कुकरेती, विशेष सचिव विरेंद्र रावत, पुष्कर नेगी, नरेंद्र रतूड़ी, पीसी थपलियाल, भावना पांडेय, विजय उनियाल, मनोज ध्यानी आदि उपस्थित थे।।