एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 922 छात्रों को डिग्री, देखिए मानद उपाधि प्राप्त करने वालों की सूची
एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह गुरुवार को कोरोना के कारण इस ऑनलाइन आयोजित किया गया। दून मेडिकल कालेज स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मेडिकल नर्सिंग और पैरामेडिकल के 922 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई।
देहरादून,जेएनएन। एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय का गुरुवार को तृतीय दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। दून मेडिकल कॉलेज स्थित सभागार में आयोजित ई- कॉन्वोकेशन में मेडिकल, नर्सिंग और पैरामेडिकल के 922 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए दीक्षांत समारोह इस बार ऑनलाइन आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि राज्यपाल एवं कुलाधिपति बेबी रानी मौर्य का वर्चुअल संबोधन हुआ। इस दौरान अति विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विभिन्न कोर्स में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 19 टॉपर छात्र-छात्राओं को चांसलर मेडल और उत्कृष्ट शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले चार छात्र-छात्राओं को डॉ. एमसी पंत बेस्ट पेपर अवार्ड से नवाजा। वहीं चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए चार शख्सियतों को डॉक्टर आफ साइंस की मानद उपाधि भी प्रदान की गई। सिर्फ चांसलर मेडल व बेस्ट पेपर अवार्ड से सम्मानित छात्र-छात्राओं को ही कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, जबकि अन्य सभी ऑनलाइन इस कार्यक्रम से जुड़े। एमडी/एमएस के 82, एमबीबीएस के 176, एमएससी नर्सिंग के 63, बीएससी नर्सिंग के 319, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग के 97, एनपीसीसी के पांच व पैरामेडिकल के 180 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। इन सभी ने मरीजों की आत्मीयता एवं जज्बे के साथ सेवा करने का संकल्प लिया। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा सचिव अमित नेगी, प्रभारी सचिव डॉ. पंकज पांडेय, विवि के कुलपति प्रो. हेमचंद्र पांडेय, चिकित्सा शिक्षा निदेशक युगल किशोर पंत, कुलसचिव सुरेंद्र रावत, परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना, डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता, दून अस्पताल केएमएस डॉ. केके टम्टा आदि मौजूद रहे।
इन्हें मिला चांसलर मेडल एमडी-एमएस (राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी)
- डॉ. अमित गुप्ता फार्माकोलॉजी
- डॉ. चारू जखवाल एनेस्थिसियोलॉजी
- डॉ. आकाश जनरल सर्जरी
- डॉ. प्रेरणा सिंह एनाटॉमी
- डॉ. भाग्यश्री पैथोलॉजी
- डॉ. सत्या नारायणन के एनेस्थिसियोलॉजी
- डॉ. भाष्कर पैन्यूली आप्थल्मोलॉजी
एमबीबीएस- डॉ. यशनील सिंह रौतेला
एमएससी नर्सिंग (स्टेट कॉलेज ऑफ नर्सिंग)- अनिता शर्मा
बीएससी नर्सिंग (स्टेट कॉलेज ऑफ नर्सिंग)- दिव्या भट्ट
एमएससी मेडिकल कोर्स (श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज)-अखिल अंथवाल
बीएससी एमएलटी (सूरजमल अग्रवाल गर्ल्स पैरामेडिकल कॉलेज)-सिमरन कौर
बीएससी आप्टोमेट्री (सूरजमल अग्रवाल गर्ल्स पैरामेडिकल कॉलेज)-निर्मला गोस्वामी
बीएससी मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी (श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज)-निवेदिता उपाध्याय, उत्तरा चौहान
बीएससी नर्सिंग (स्टेट कॉलेज आफ नर्सिंग )
- कल्पना भट्ट
एनपीसीसी (पाल कॉलेज अॉफ नर्सिंग एंड मेडिकल साइंसेज)
- रोहित अली
डीएमएलटी (उत्तरांचल पीजी कॉलेज अॉफ मेडिकल साइंसेज)
- प्राची त्यागी
बीएमआरआइटी (सूरजमल अग्रवाल गर्ल्स पैरामेडिकल कॉलेज)
- सुरभि वर्मा
डॉक्टर आफ साइंस की मानद उपाधि
- पदमश्री प्रो सुनील प्रधान विभागाध्यक्ष न्यूरोलॉजी विभाग संजय गांधी पीजीआइएमएस लखनऊ
- प्रो संजीव मिश्रा निदेशक एम्स जोधपुर
- प्रो सौदान सिंह डीन नगर निगम मेडिकल कॉलेज दिल्ली (पूर्व कुलपति एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय)
- डॉ डीके शर्मा चिकित्सा अधीक्षक एम्स नई दिल्ली
- डॉ एमसी पंत सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार
- डॉ प्रियंका चौरसिया एनेस्थिसियोलॉजी
- डॉ स्मृति फार्माकोलॉजी
- डॉ प्रेरणा सिंह एनाटॉमी
- डॉ दीपिका लोहानी ऑप्थामोलॉजी
डॉक्टर के अभाव में मौत न हो, तब होगी संतुष्टि : सीएम
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना महामारी ने मानव जीवन को काफी प्रभावित किया है। इस महामारी के खिलाफ जंग में चिकित्सकों की सबसे अहम भूमिका रही है। लोगों की जीवन रक्षा के लिए देश में सैकड़ों चिकित्सकों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। चिकित्सकों के प्रयासों के परिणामस्वरूप इस कोरोनाकाल में भी लोग आशावादी जीवन जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड से बचाव के लिए राज्य सरकार ने व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया है। इसके लिए अपने अनुभवों को साझा करने के लिए एवं इससे बचाव हेतु लोगों से सुझाव भी मांगे गये हैं। समाज के प्रबुद्ध लोगों, चिकित्सकों, कोरोना वारियर्स व अन्य लोग अपने अनुभवों को विभिन्न माध्यमों से साझा कर सकते हैं। कहा कि युवा पीढ$ी एडवांस सोचती है और उनका कार्य करने का तरीका भी नया होता है। उन्हें अपने विचारों को विभिन्न माध्यमों से जरूर व्यक्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाआें को पहली प्राथमिकता में रखा है। वर्ष 2017 तक राज्य के सरकारी अस्पतालों में केवल एक हजार डॉक्टर थे। वहीं अब तैनात इनकी संख्या 2500 हो गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सकों को भेजा गया है। पर संतुष्टि तब होगी तब कोई भी मरीज डॉक्टर के अभाव में दम न तोड़े। उन्होंने कुलपति की किताब हेल्थकेयर डिलीवरी सिस्टम इन इंडिया का भी विमोचन किया।
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दूरस्थ इलाकों में सेवाएं दें नए डॉक्टर : राज्यपाल
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि दीक्षांत समोराह औपचारिकता मात्र नहीं है। आज नए डॉक्टर संवेदनशीलता के साथ मानवता की सेवा का प्रण लें। उन्होंने ग्रामीण इलाकों एवं गरीब लोगों तक बेहतर चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने का संकल्प लेने का भी आह्वान किया। वहीं नए डॉक्टरों से कहा कि वो प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में अपनी सेवाएं दें। जिससे वहां के लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिल सके। वह मरीजों के साथ आत्मीयता एवं दोस्ताना व्यवहार से पेश आएं। उन्होंने डॉक्टरों को चिकित्सा के साथ सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ने के लिए कहा। कोरोनाकाल में कोविड मरीजों के लिए अलावा गंभीर मरीजों, गर्भवतियों तक बेहतर सेवाएं पहुंचाने के लिए कहा।