जसवंत सिंह जैसे वीरों से ही गौरांवित है देवभूमि : सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
दून के गल्जवाड़ी स्थित जेएसआर इन होटल में फिल्म 72 ऑवर्स : मार्टियर हू नेवर डाइड के ट्रेलर की लांचिंग की गई। जिसमें सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे।
देहरादून, जेएनएन। जिन्होंने बर्फ में भी शौर्य की चिंगारियां बो दीं, पहाड़ी चोटियों पर भी अभय की क्यारियां बो दीं। अहर्निश जो बढ़े आगे विजय अभियान की खातिर, उन्हें शत-शत नमन मेरा, उन्हें शत-शत नमन मेरा..। इन्हीं पंक्तियों के साथ फोर्थ गढ़वाल रायफल के शहीद राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की शहादत को यादकर उनकी वीरता को नमन किया गया।
मौका था उन पर बनी फिल्म '72 ऑवर्स : मार्टियर हू नेवर डाइड' के आधिकारिक ट्रेलर लांचिंग का। ट्रेलर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लांच किया। वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध पर जेएसआर प्रोडेक्शन के बैनर तले बनी यह फिल्म 18 जनवरी को देश के सभी सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
सोमवार को गल्जवाड़ी स्थित जेएसआर इन होटल में फिल्म के ट्रेलर की लांचिंग की गई। जिसमें सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की माटी शहीद जसवंत सिंह जैसे वीरों से गौरांवित है। उन्होंने कहा कि मूल रूप से पौड़ी निवासी जसवंत सिंह ने कैसे अपनी बहादुरी से 300 चीनी सैनिकों का अकेले सामना किया। इस शौर्य गाथा के बारे में अब युवा पीढ़ी को जानने का भी मौका मिलेगा।
फिल्म को टैक्स फ्री करने की बात पर उन्होंने कहा कि जीएसटी के चलते इसे टैक्स फ्री तो नहीं किया जा सकता, लेकिन फिल्म के रिलीज को लेकर हर संभव सहयोग किया जाएगा। फिल्म के प्रोड्यूसर जेएस रावत, तरुण रावत, प्राशिल रावत हैं। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी, चकराता के वैराट खाई, खलंगा आदि में इसकी शूटिंग हुई है। शूटिंग से लेकर एडिटिंग आदि में करीब सात से आठ महीने का समय लगा है। फिल्म में सुखविंदर, शान, मोहित चौहान, श्रेया घोषाल जैसे गायकों ने गीत गाए हैं।
कार्यक्रम का संचालन हेमंत बिष्ट ने किया। इस दौरान टिहरी सांसद माला राज लक्ष्मी शाह, लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस रावत (सेनि), कर्नल वीरेंद्र रावत, हेमल रावत, राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी आदि मौजूद रहे। ट्रेलर देख हर किसी ने कहा वंस मोर 72 ऑवर्स का ट्रेलर देख वहां मौजूद हर किसी दर्शक ने वंस मोर कहा। दर्शकों की डिमांड पर छह बार ट्रेलर दिखाया गया।
दो मिनट पांच सेकेंड की अवधि के ट्रेलर में दिखाया गया कि एक 21 वर्षीय सैनिक हाथ में थ्री नॉट थ्री रायफल पकड़े है। अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर पर वह अपनी पोस्ट न छोड़ने का हवाला देते हुए अकेले ही चीनी सैनिकों का सामना कर रहा है और अंत में वीरगति को प्राप्त हो जाता है। सभी ने ट्रेलर देख तालियों की गड़गड़ाहट और भावुक आंखों से शहीद की शहादत को सलाम किया। फिल्म सफल हुई तो बनाएंगे शहीद का मंदिर फिल्म के निर्देशक अविनाश ध्यानी ने बताया कि उनके पिता भी सेना में थे।
बचपन में कई बार उन्होंने पिता से शहीद जसवंत की कहानी सुनी। उनके लिए वह किसी सुपर हीरो से कम नहीं, इसलिए उन्होंने उनकी कहानी को चुना। उन्होंने कि अगर फिल्म सफल हुई तो वह अरुणाचल प्रदेश में बाबा जसवंत के मंदिर की तरह ही यहां भी शहीद का मंदिर बनाएंगे।
केदारनाथ फिल्म से मिली सीख
सीएम केदारनाथ फिल्म को लेकर राज्य में उठे विवाद के बारे में सीएम ने कहा कि फिल्म से स्थानीय लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। शूटिंग की ओर बॉलीवुड का आकर्षण काफी बढ़ा है। आगे इस तरह की पुनरावृत्ति न हो, इस बात का ध्यान रखा जाएगा। केदारनाथ फिल्म से हमें काफी सीख मिली है।
उत्तराखंड के वीर की कहानी को फिल्म के माध्यम से किया गया प्रस्तुत
- टिहरी सांसद माला राज लक्ष्मी शाह ने कहा कि यह बेहद गर्व की बात है कि उत्तराखंड के वीर की कहानी को फिल्म के माध्यम से प्रस्तुत किया जा रहा है। ऐसे वीरों की शहादत को आने वाली पीढ़ी को भी जानने का मौका मिलेगा।
- लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस रावत (सेनि) का कहना है कि हमारा राज्य सैनिक बहुल है। शहीद जसवंत एक ऐसे वीर हैं, जिनकी वीरता की कहानी खुद चीन ने भारत को बताई। ऐसे वीर सैनिकों को दुनिया के सामने लाना बेहद जरूर है।
- आयुष सांघल का कहना है कि फिल्म के जरिए एक रियल हीरो की स्टोरी से रूबरू होने का मौका मिलेगा। मैंने पहले कभी शहीद रावत के बारे में नहीं सुना था। ट्रेलर देख उनके शौर्य को जानने का मौका मिला
- सुशीला बलूनी (राज्य आंदोलनकारी) का कहना है कि शहीद रावत का परिवार डोभालवाला में मेरा पड़ोसी था। जब उसके शहीद होने की खबर सुनी थी तो उसका मासूम चेहरा मुझे याद आया। मुझे गर्व है उसकी बहादुरी और देश-प्रेम पर।
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