खनन गेटों पर फंसे सात हजार मजदूर
हरिद्वार ऊधमसिंहनगर व नैनीताल जिलों की विभिन्न नदियों में उपखनिज चुगान के लिए उत्तराखंड वन विकास निगम को आवंटित खनन लॉटों के गेटों पर लॉकडाउन के कारण करीब सात हजार खनन मजदूर फंसे हुए हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून : हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर व नैनीताल जिलों की विभिन्न नदियों में उपखनिज चुगान के लिए उत्तराखंड वन विकास निगम को आवंटित खनन लॉटों के गेटों पर लॉकडाउन के कारण करीब सात हजार खनन मजदूर फंसे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के इन खनन मजदूरों को निगम आवश्यक सामग्री मुहैया करा रहा है। इसके साथ ही इनके स्वास्थ्य परीक्षण कराने के मद्देनजर कदम उठाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी, एटा समेत विभिन्न जिलों से हर साल ही बड़ी संख्या में खनन मजदूर उत्तराखंड आते हैं। हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर व नैनीताल जिलों की गौला, दाबका, कोसी, नंधौर, रवासन, पीली समेत अन्य नदियों में उत्तराखंड वन विकास निगम को आवंटित खनन लॉटों में भी ये खनन मजदूर कार्य रहे थे। लॉकडाउन के बाद से ये सभी इन नदियों में निगम के खनन गेटों पर डेरा डाले हुए हैं। उत्तराखंड वन विकास निगम के अध्यक्ष सुरेश परिहार ने बताया कि इन मजदूरों को खाद्यान्न समेत आवश्यक सामग्री की दिक्कत न हो, इसके लिए निगम पूरे प्रयास कर रहा है। निगम के साथ ही विभिन्न संस्थाओं, संगठनों व लोगों के माध्यम से भी इन्हें जरूरी सामग्री मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि संबंधित क्षेत्रों में निगम के प्रभागीय लौगिंग प्रबंधकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर सभी खनन मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी सुनिश्चित कराएं।