15 वर्षो से मैदानों में डटे 67 फीसद अधिकारी-कर्मचारी
जागरण संवाददाता, देहरादून : देहरादून जिले में पशुपालन विभाग के अधिकारी हों, या फिर कर्मचारी,
जागरण संवाददाता, देहरादून :
देहरादून जिले में पशुपालन विभाग के अधिकारी हों, या फिर कर्मचारी, कोई भी मैदानी क्षेत्र छोड़ने को तैयार नहीं हैं। जानकर हैरानी होगी कि जिले में तैनात करीब 67 फीसद अधिकारी, कर्मचारी ऐसे हैं, जो करीब 15 वर्षो से ज्यादा समय से मैदानी क्षेत्रों में डटे हुए हैं। कई तो ऐसे हैं भी हैं जो आदेशों के बाद भी मैदान में सेवाएं दे रहे हैं। जबकि कालसी व चकराता ब्लॉक के दुर्गम क्षेत्र में स्थित 12 पशु सेवा केंद्रों में आठ वर्ष से ताला लटका हुआ है। ये आंकड़े तब सामने आए, जब मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एसबी पांडे ने जिले में तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों की समयावधि सूची तैयार कराई।
पशुधन निदेशालय की ओर से पशुपालन विभाग से देहरादून जनपद में वर्षो से तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची मांगी थी। इस पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी देहरादून डॉ. पांडे ने जनपद में विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तैनाती की समयावधि के साथ सूची बनवाई। इसमें ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को चिह्नित किया गया, जो लंबे समय से जिले के सुगम क्षेत्रों में ही सेवाएं दे रहे हैं और जिले के कालसी व चकराता जैसे दुर्गम क्षेत्रों में जाने को तैयार नहीं हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने सूची निदेशालय को भेज दी है। विभाग की तैयार सूची
पदनाम, कुल पद, चिह्नित अधिकारी/कर्मचारी
पशु चिकित्सक, 28, 18
पशुधन प्रसार अधिकारी, 40, 27
फार्मेसिस्ट, 28, 18
पशुधन सहायक अधिकारी, 70, 45 इन केंद्रों में है ताला
चकराता ब्लॉक के मोहनासावड़ा पशु सेवा केंद्र, कथियान पशु सेवा केंद्र, मानथात केंद्र, पुनापोखरी केंद्र, कोटिसावड़ा केंद्र, मसक केंद्र, कालसी ब्लॉक के थेना केंद्र, कोरूआ केंद्र, नगऊ केंद्र, खाड़ी केंद्र, कामला केंद्र, नाराया केंद्र।