त्रिवेंद्र के साढ़े तीन साल, गांवों तक पहुंचा सड़कों का जाल
पिछले साढ़े तीन वर्षों में उत्तराखंड में गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए तेजी से काम हुआ है। त्रिवेंद्र सरकार ने इसके लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) पर खास ध्यान केंद्रित किया और इसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। किसी भी क्षेत्र के विकास की पहली सीढ़ी होती है सड़क। आवागमन की सुविधा हो तो तरक्की और खुशहाली के रास्ते खुद-ब-खुद खुलते चले जाते हैं। इस नजरिये से देखें तो पिछले साढ़े तीन वर्षों में उत्तराखंड में गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए तेजी से काम हुआ है। त्रिवेंद्र सरकार ने इसके लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) पर खास ध्यान केंद्रित किया और इसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं। वर्ष 2017-18 से अब तक पीएमजीएसवाई में 6299 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ, जिनसे 595 गांवों को यातायात की सुविधा हासिल हुई है। इससे पहले वर्ष 2000 से 2016-17 तक की अवधि में बनी सड़कों की लंबाई 7529 किमी थी, जिनसे 955 गांव जुड़े।
उत्तराखंड के गांवों से पलायन के पीछे एक बड़ी वजह इनका सड़क सुविधा से जुड़ा न होना भी है। सड़क के अभाव में न तो गांवों में मूलभूत सुविधाएं पसर पा रहीं और न रोजगार के अवसर ही सृजित हो पा रहे। इसे देखते हुए त्रिवेंद्र सरकार ने गांवों को सड़क से जोडऩे पर खास ध्यान केंद्रित किया। इसके लिए पीमएजीएसवाई में सड़कों के लिए केंद्र स्तर पर पैरवी करने के साथ ही टेंडरिंग, डीपीआर, स्वीकृति जैसे मसलों पर तेजी से कदम बढ़ाए गए। साथ ही वन भूमि हस्तांतरण से जुड़े मसलों का गंभीरता से निराकरण कराया गया।
इस पहल के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं।आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। राज्य गठन से लेकर वर्ष 2016-17 तक पीएमजीएसवाई में 1314 कार्य स्वीकृत हुए। इसके उलट पिछले साढ़े तीन साल में स्वीकृत कार्यों की संख्या रही 1188। वहीं वर्तमान में पीएमजीएसवाई की सड़कों के कार्य तेजी से चल रहे हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही कि जल्द ही शेष रह गए 322 गांव भी सड़क सुविधा से जुड़ जाएंगे।
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चुनौतियां भी कम नहीं
यह ठीक है कि सरकार गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रही है, मगर चुनौतियां भी कम नहीं हैं। पीएमजीएसवाई में स्वीकृत सभी कार्य इस साल दिसंबर से पहले शुरू होने हैं और निर्माण कार्य अगले वर्ष दिसंबर तक पूरे होने हैं। अपर सचिव एवं पीएमजीएसवाई के सीईओ उदयराज बताते हैं कि ग्रामीण सड़कों का कार्य तेजी से तय समय में हो, इसके लिए प्रभावी रणनीति बनाई गई है। नियमित रूप से मॉनीटरिंग के साथ ही अन्य कदम उठाए गए हैं।
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