57 शिक्षकों को भी मिलेगा बढ़ा मानदेय
राज्य सरकार ने सहायताप्राप्त अशासकीय संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों में पद सृजित नहीं होने के बावजूद वर्षों से 57 शिक्षकों को भी राहत दी है। 22 जनवरी को हुई बैठक में 155 शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने पर मुहर लगाई गई थी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। राज्य सरकार ने सहायताप्राप्त अशासकीय संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों में पद सृजित नहीं होने के बावजूद वर्षों से 57 शिक्षकों को भी राहत दी है। उन्हें भी बढ़ा हुआ मानदेय देने को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। राज्य मंत्रिमंडल की बीती 22 जनवरी को हुई बैठक में उक्त विद्यालयों व महाविद्यालयों में कार्यरत 155 शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने पर मुहर लगाई गई थी। इनमें 98 शिक्षक सृजित पदों पर कार्यरत हैं, जबकि 57 शिक्षकों के पद सृजित नहीं हैं।
सृजित पद न होने के बावजूद ये शिक्षक पाठ्यक्रम में निर्धारित विषयों का अध्यापन पिछले कई वर्षों से नियमित रूप से कर रहे हैं। साथ में संबंधित विषयों के अध्यापन की पूरी शैक्षिक योग्यता रखते हैं। मंत्रिमंडल के निर्देश पर गठित उपसमिति ने भी इन शिक्षकों के मानदेय बढ़ाने की सिफारिश की है। इन सिफारिशों को मंत्रिमंडल अपनी स्वीकृति दे चुकी है। इन शिक्षकों को भी पांच वर्ष की निरंतर सेवा पर अब 10 हजार रुपये के बजाए 15 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।
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पांच वर्ष से अधिक, लेकिन 10 वर्ष तक निरंतर अध्यापन कर रहे शिक्षकों को 25 हजार रुपये और 10 वर्ष से ज्यादा समय से अध्यापनरत शिक्षकों को 30 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। इनमें जो शिक्षक यूजीसी निर्धारित शैक्षिक योग्यतानुसार पीएचडी व एम फिल उपाधिधारक हैं, उन्हें प्रतिमाह 5000 रुपये अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा।
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