आंदोलन में हुए शामिल, 49 पीआरडी जवानों की नौकरी पर गिरी गाज
युवा कल्याण एवं पीआरडी निदेशालय ने अप्रैल में हुए आंदोलन में शामिल प्रांतीय रक्षक दल के जवानों पर कड़ी कार्रवाई की है। 49 जवानों को सेवा से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: अप्रैल में हुए आंदोलन में शामिल प्रांतीय रक्षक दल के जवानों पर युवा कल्याण एवं पीआरडी निदेशालय ने कड़ी कार्रवाई की है। आंदोलन में शामिल जवानों को सेवा से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही जवानों से ड्यूटी का 200 रुपये की प्रतिदिन मानदेय राशि भी वसूली जाएगी। इससे पीआरडी जवानों में आक्रोश है। युवा कल्याण एवं पीआरडी निदेशक विम्मी सचदेवा रमन की ओर से जारी किए आदेश में 16 अप्रैल को हुए आंदोलन में हिस्सा लेने वाले पीआरडी जवानों पर तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया। सेवा के दौरान जवानों द्वारा आंदोलन में हिस्सा लेने को अनुशासनहीनता बताया है। विभागीय रिपोर्ट का हवाला देते हुए चिह्नित किए 49 जवानों को तुरंत सेवा से मुक्त करने व 200 रुपये आर्थिक दंड लगाने के आदेश दिए हैं। इनके अलावा और जवानों के चिह्नित किए जाने की भी संभावना है।
कार्रवाई की वर्तमान स्थिति
देहरादून-38
टिहरी-4
हरिद्वार-4
अल्मोड़ा-3
कोर्ट की शरण में पीआरडी जवान
उत्तराखंड पीआरडी जवान संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष प्रमोद मंद्रवाल ने विभागीय आदेश को हीटलरशाही बताया है। कहा कि विभाग ने पिछले 11 वर्षो में पीआरडी एक्ट लागू कर जवानों के हित के बारे में नहीं सोचा, लेकिन कार्रवाई की बात आई तो एक्ट के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई कर दी गई। मंद्रवाल ने कहा कि वे विभागीय आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में जा रहे हैं।
संयुक्त निदेशक (युवा कल्याण एवं पीआरडी) आरसी डिमरी का कहना है कि सेवा के दौरान आंदोलन में शामिल होना अनुशासनहीनता है। 49 जवानों को चिह्नित कर हटाने के आदेश जारी हो गए हैं। आगे भी इस तरह की अनुशासनहीनता पर कार्रवाई की जाएगी।
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