पांच साल से ड्यूटी से गायब 48 डॉक्टर होंगे बर्खास्त
प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में पांच साल से ड्यूटी से गायब 48 डॉक्टरों को अब बर्खास्त कर उनके स्थान पर नई नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए शासन ने कसरत शुरू कर दी है।
देहरादून [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में 48 डॉक्टर ऐसे मिले हैं, जो पांच साल से अधिक समय से गायब हैं। शासन इन सभी को बर्खास्त कर इनकी जगह नए डॉक्टर तैनात करने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा अब ऐसे डॉक्टरों का भी चिह्नीकरण किया जा रहा है जो छह माह से अधिक समय से गायब चल रहे हैं। माना जा रहा है कि इनकी संख्या 150 से अधिक हो सकती है।
उत्तराखंड में लंबे समय से स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतरी हुई हैं। इसका मुख्य कारण प्रदेश में डॉक्टरों की संख्या कम होना है। राज्य गठन के बाद अभी तक प्रदेश में आई सरकारें स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने में नाकाम रहीं हैं। खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना सबसे बड़ी चुनौती है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में कुल 2109 स्वास्थ्य यूनिट हैं। इनमें संयुक्त अस्पताल, जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और उपकेंद्र शामिल हैं। इनमें डॉक्टरों के 2715 पद सृजित हैं। इनके सापेक्ष केवल 1104 पदों पर ही डॉक्टर तैनात हैं।
इसकी भी जब शासन स्तर से जांच कराई गई तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। यह पता चला कि कई चिकित्सक ऐसे हैं जिनकी तैनाती सरकारी कागजों में तो हैं लेकिन वे अस्पतालों में लंबे समय से गए ही नहीं। इस पर शासन ने पांच साल से अधिक समय से गायब रहने वाले डॉक्टरों की सूची तलब की।
अभी तक शासन के पास 48 नाम ऐसे आए हैं जो पांच सालों से अस्पताल में थे ही नहीं। अब इन सबको बर्खास्त करने की तैयारी है। यह भी माना जा रहा है कि अभी बड़ी संख्या में ऐसे डॉक्टर भी हो सकते हैं जो लंबे समय से गायब हैं। ऐसे में अब छह माह से अधिक समय से अस्पतालों से अनुपस्थित डॉक्टरों की सूची भी तैयार की जा रही है। इनकी संख्या 150 के आसपास मानी जा रही है।
सचिव स्वास्थ्य नितेश कुमार झा ने कहा है कि अभी तक 48 ऐसे डॉक्टरों को पता चला है जो पांच साल से अधिक समय से गायब हैं। इन्हें बर्खास्त कर इनके पदों को रिक्त घोषित करते हुए नई नियुक्तियां की जाएंगी। इसके अलावा अन्य डॉक्टरों की उपस्थिति की भी जांच कराई जा रही है।
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