अब इस योजना से पांच साल में बदलेगी 475 गांवों की तस्वीर, जानिए
किसानों की आय दोगुना करने और गांवों से निरंतर हो रहे पलायन को थामने के मद्देनजर राज्य में प्रारंभ की जा रही आई एम ए विलेज (मैं एक गांव हूं) योजना की गाइडलाइन तैयार कर ली गई है।
देहरादून, [केदार दत्त]: किसानों की आय दोगुना करने और गांवों से निरंतर हो रहे पलायन को थामने के मद्देनजर राज्य में प्रारंभ की जा रही 'आइ एम ए विलेज' (मैं एक गांव हूं) योजना की गाइडलाइन तैयार कर ली गई है। इस संबंध में फाइल मुख्यमंत्री को भेजी गई है और अनुमोदन मिलते ही इसकी लॉन्चिंग कर दी जाएगी। योजना के तहत पांच साल में 475 गांवों को चमकाने का लक्ष्य है। इन्हें कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों को जोड़ सभी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक गांव में एक से डेढ़ करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।
कृषि को लाभकारी बनाने के साथ ही लोगों को इससे जोड़ने की कड़ी में राज्य सरकार ने 'आइ एम ए विलेज' योजना शुरू करने की ठानी। इसकी अवधारणा के मुताबिक प्रत्येक विकासखंड में एक गांव को इस तरह से विकसित किया जाएगा, जो कृषि की सभी सुविधाओं से सुसज्जित हो। शासन ने इसकी गाइडलाइन तैयार कर मुख्यमंत्री को भेज दी है।
प्रदेश में 95 विकासखंड हैं और इसी के अनुरूप अगले प्रतिवर्ष 95 गांवों में यह योजना प्रारंभ की जाएगी। इस प्रकार पांच साल में 475 गांवों की तस्वीर चमकाने की सरकार की मंशा है।
गाइडलाइन के मुख्य बिंदु
-आइ एम ए विलेज योजना में चयनित गांव को मिलेगा एक से डेढ़ करोड़ का अतिरिक्त बजट
-कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों को जोड़कर गांव को कृषि सुविधाओं से किया जाएगा लैस
-गांवों में सोलर फैंसिंग, सिंचाई सुविधा, फार्मर्स मशीनरी बैंक, कलेक्शन कक्ष, शॉर्टिग-ग्रेडिंग प्लांट, पशुपालन, मुर्गी-मछली-मधुमक्खी पालन पर होगा फोकस
-योजना के तहत होने वाले कार्यों की मॉनीटरिंग को गठित होगा विशेष प्रकोष्ठ
-कृषि उत्पादों के विपणन की भी कराई जाएगी व्यवस्था
-गांव से पलायन कर चुके लोगों को भी जोड़ेंगे इस मुहिम से
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि मुख्यमंत्री से अनुमोदन मिलते ही राज्य में 'आई एम ए विलेज' योजना प्रारंभ कर दी जाएगी। योजना में हर साल 95 गांव लिए जाएंगे। इसके जरिये गांवों को कृषि के लिहाज से सरसब्ज बनाया जाएगा। ये एक प्रकार के मॉडल गांव होंगे। धीरे-धीरे इस मुहिम को आगे बढ़ाया जाएगा।
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