423 जेंटलमैन कैडेटों ने भारतीय सैन्य अकादमी के ड्रिल स्क्वायर पर की परेड
आत्मविश्वास व जोश से लबरेज 423 जेंटलमैन कैडेटों ने मंगलवार को पासिंग आउट परेड के रैतिक पूर्वाभ्यास में कदम से कदम मिलाते हुए आइएमए के ड्रिल स्क्वायर पर परेड की।
देहरादून, जेएनएन। 'तू शेर-ए-हिंद आगे बढ़, मरने से तू कभी न डर। उड़ा के दुश्मनों का सर जोश-ए-वतन बढ़ाए जा...।' आत्मविश्वास व जोश से लबरेज 423 जेंटलमैन कैडेटों ने मंगलवार को पासिंग आउट परेड के रैतिक पूर्वाभ्यास में कदम से कदम मिलाते हुए आइएमए के ड्रिल स्क्वायर पर परेड की। मौका था डिप्टी कमांडेंट परेड का। आइएमए के डिप्टी कमांडेंट एवं मुख्य प्रशिक्षक मेजर जनरल जेएस मंगत ने परेड की सलामी ली।
भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से शनिवार को 423 कैडेट पास आउट होंगे, जिसमें 333 भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे, जबकि अन्य 90 विदेशी कैडेट हैं। इन कैडेटों ने मंगलवार को डिप्टी कमांडेंट परेड में कदमताल की। डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल जेएस मंगत ने कहा कि भारतीय सेना अपनी वीरता, सम्मान, लोकाचार व उत्कृष्ट परम्पराओं के लिए जानी जाती हैं। कैडेटों में जोश भरते हुए उन्होंने कहा कि अच्छे आचरण व पराक्रम के साथ एक योद्धा की जिम्मेदारिया निभाएं।
एक सैन्य अफसर की अपने हरेक जवान के प्रति जिम्मेदारी बनती है। उसके भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करें। ऐसे उदाहरण स्थापित करें कि वे गर्व से आपकी ओर देखें। यही अकादमी में सिखाया भी गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सैन्य दस्ता दुनिया में सबसे अच्छा, दिल से सरल, निर्विवाद, वफादार और देशभक्ति से भरा है। पर एक अधिकारी के रूप में आपको अपने इरादे और कार्यों की सत्यता व पवित्रता के आधार पर उनका सम्मान और विश्वास अर्जित करना होगा। यह विश्वास अगर बन गया तो वह हर विपरीत परिस्थिति में आपका अनुसरण करेंगे। कोरोनाकाल में तमाम बदलावों के बावजूद प्रशिक्षण मानकों पर खरा उतरने के लिए उन्होंने जेंटलमैन कैडेटों की सराहना की। साथ ही प्रशिक्षण के सफल समापन पर विदेशी कैडेटों को भी बधाई दी।
इस बार सादगी के साथ होगी पासिंग आउट परेड
कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, जिससे आम और खास कोई भी अछूता नहीं रहा है। यहां तक कि सशस्त्र सेनाओं के अभेद तंत्र को भी वायरस ने भेद दिया है। ऐसे में सेना और अर्द्ध सैन्य बलों की कई अहम गतिविधियों पर विराम लगा हुआ है। कोरोना के बढ़ते खतरे से भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) भी सशकित है। ऐसे में 13 जून को होने वाली पासिंग आउट परेड भी इस बार अपने पारम्परिक रंग में नहीं दिखेगी। परेड में इस बार आइएमए कैडेटों के स्वजन भी शिरकत नहीं करेंगे। यह पहली बार है जब आइएमए परेड सिर्फ रस्मअदायगी तक सीमित रहेगी।
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