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उत्तराखंड में सड़क हादसों में 37 प्रतिशत की कमी, प्रभावी कार्रवाई के निर्देश; आंकड़ों पर भी डालें नजर

पिछले साल की अपेक्षा इस बार अगस्त तक सड़क हादसों में 37.50 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले वर्ष अगस्त तक प्रदेश में 936 दुर्घटनाओं में 582 व्यक्तियों की जान गई थी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 06:45 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 06:45 AM (IST)
उत्तराखंड में सड़क हादसों में 37 प्रतिशत की कमी, प्रभावी कार्रवाई के निर्देश; आंकड़ों पर भी डालें नजर
उत्तराखंड में सड़क हादसों में 37 प्रतिशत की कमी, प्रभावी कार्रवाई के निर्देश; आंकड़ों पर भी डालें नजर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में गत वर्ष की अपेक्षा इस बार अगस्त तक सड़क हादसों में 37.50 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले वर्ष अगस्त तक प्रदेश में 936 दुर्घटनाओं में 582 व्यक्तियों की जान गई थी। इस वर्ष 585 हादसों में 392 व्यक्तियों की मृत्यु हुई। हालांकि, मृतकों की संख्या में उत्तरकाशी और घायलों की संख्या में पिथौरागढ़ में गत वर्ष के मुकाबले बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस सबके मद्देनजर परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी ने सभी जिलों में सड़क हादसों और इनमें हताहत होने वाले व्यक्तियों की संख्या में कमी लाने को समग्र प्रयास करने के निर्देश दिए हैं।

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परिवहन आयुक्त चौधरी की ओर से इस संबंध में सभी जिला मजिस्ट्रेट और जिला सड़क सुरक्षा समितियों के अध्यक्षों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके तहत इस वर्ष तक सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने की अपेक्षा की गई है। उन्होंने सभी जिलों में ब्लैक स्पॉट और दुर्घटना संभावित स्थलों पर प्रभावी नियंत्रण को योजना बनाकर कार्यवाही करने, जिला सड़क सुरक्षा समिति द्वारा सुधार किए गए सभी ब्लैक स्पॉट व दुर्घटना संभावित स्थलों की जांच कराने और नियमानुसार सुधारीकरण को कहा है।

परिवहन आयुक्त ने सभी जिला सड़क सुरक्षा समितियों से जिलों में स्थलवार किए जाने वाले प्रवर्तन, इंजीनियङ्क्षरग एवं इमरजेंसी मेडिकल केयर के लिए किए जाने वाले प्रविधानों का अनुपालन सुनिश्चित कराने, शहरी, ग्रामीण एवं खुले क्षेत्रों के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुसार प्रवर्तन संबंधी कार्य कराने, नियम विरुद्ध संचालित स्कूल वाहनों और नाबालिगों द्वारा संचालित वाहनों पर एमवी एक्ट के तहत नियमित रूप से प्रवर्तन की कार्रवाई करने, घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के मद्देनजर नजदीकी ट्रामा केयर सेंटर और अस्पतालों की दूरी से संबंधित चिह्न लगाने को भी कहा है। साथ ही यह भी आग्रह किया है कि जिला सड़क सुरक्षा समितियां दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण कर इनके निराकरण के लिए आवश्यक कदम उठाएं।

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इस वर्ष अब तक सड़क हादसे

जिला------------दुर्घटनाएं-----मृतक-----घायल 

यूएस नगर----181----------133------96

देहरादून--------140----------56-------125

हरिद्वार-------110----------74---------75

नैनीताल-------72-----------35----------76

टिहरी-----------31-----------47----------31

पौड़ी------------14------------07----------22

चमोली---------12------------08----------11

उत्तरकाशी-----07-----------20----------08

पिथौरागढ़------07-----------04----------14

रुद्रप्रयाग--------05-----------06----------07

चंपावत---------03-----------02-----------02 

बागेश्वर--------02-----------00----------02

अल्मोड़ा--------01----------00-----------01

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