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एक डिवाइस से होगी 32 तरह की जांच, नहीं पड़ेगी विशेषज्ञ की जरूरत

एक छोटी डिवाइस के माध्यम से 32 तरह की जांच बहुत ही कम वक्त में की जा सकती है। खास बात यह कि जांच करने के लिए किसी विशेषज्ञ की भी जरूरत नहीं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 17 Nov 2017 03:04 PM (IST)Updated: Fri, 17 Nov 2017 08:45 PM (IST)
एक डिवाइस से होगी 32 तरह की जांच, नहीं पड़ेगी विशेषज्ञ की जरूरत
एक डिवाइस से होगी 32 तरह की जांच, नहीं पड़ेगी विशेषज्ञ की जरूरत

देहरादून, [जेएनएन]: स्वास्थ्य विभाग को दूरस्थ क्षेत्रों के लिए एक 'मददगार' मिल गया है। यह मदद एक छोटी डिवाइस के रूप में विभाग को मिली है। जिसके माध्यम से 32 तरह की जांच बहुत ही कम वक्त में की जा सकती है। खास बात यह कि जांच करने के लिए किसी विशेषज्ञ की भी जरूरत नहीं। 

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राज्य के 1765 स्वास्थ्य उप केंद्रों को सरकार टेली-मेडिसन से जोड़ेगी। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। जिसके बाद पहाड़ के दूरदराज इलाकों के मरीजों को इलाज के लिए दून या अन्य शहरों की ओर नहीं भागना पड़ेगा। टेली-मेडिसन सेंटरों के जरिये उनका वहीं इलाज किया जाएगा। अब इस काम में विभाग को 'हेल्थ क्यूब' का साथ मिल गया है। इस एक छोटे से उपकरण से 32 प्रकार की स्वास्थ्य जांच की जा सकती है।

इनमें आम स्वास्थ्य जांच, दिल की जांच, प्रजनन और बाल स्वास्थ्य संबंधी, मधुमेह और गुर्दे की जांच, संक्रामक रोगों और हड्डी की जांच के वर्गों में 32 परीक्षण किए जा सकते हैं। खास बात यह कि इस उपकरण से शीघ्र और विश्वसनीय परिणाम प्राप्त होते हैं। साथ ही मैसेज, ईमेल और एप के माध्यम से इसे रोगी से जोड़ा जा सकता है। इतना ही नहीं मरीज का इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकॉर्ड भी रखना आसान है।

टेली-मेडिसन और इस उपकरण के गठजोड़ से दुरूह क्षेत्र में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श व मार्गदर्शन मिल सकेगा। मरीज की जांच रिपोर्ट तुरंत डॉक्टर को भेजी जाएगी और अल्प अवधि में उनकी सलाह भी मिल जाएगी। आइडिया ने सीएसआर के तहत विभाग को ऐसी ग्यारह मशीन मुहैया कराई हैं। जिन्हें ऊधमसिंहनगर व पौड़ी जनपद में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अच्छे नतीजे आते हैं, तो विभाग और मशीन भी क्रय करेगा। 

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अर्चना श्रीवास्तव का कहना है कि मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. नवीन बलूनी का कहना है कि टेली रेडियोलॉजी के बाद राज्य सरकार ने अब टेली मेडिसन की कवायद भी शुरू कर दी है। हेल्थ क्यूब को इसमें एक कड़ी के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। हेल्थ क्यूब योजना कामयाब रही तो इसका विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा जल्द 50 मोबाइल लैब भी मिलने जा रही हैं। 

 फ्री डायग्नोस्टिक सेवा के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 17, सीएचसी में 28 व जिला व उप जिला अस्पताल में 30 तरह की जांच निश्शुल्क की जाती हैं। एमएसबीवाई कार्ड पर यह सुविधा दी जा रही है। लेकिन मैनपावर व मशीन आदि की कमी के कारण कहीं-कहीं दिक्कत आती है। ऐसे में हेल्थ क्यूब का लाभ मिलेगा। 

गांव-गांव जाकर होगी जांच 

अब गांव-गांव जाकर भी मरीजों की जांच संभव हो सकेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को 50 एडवांस डायग्नोस मोबाइल लैब मिलने जा रही है। खास बात यह कि मोबाइल लैब भी सीएसआर के तहत विभाग को उपलब्ध कराई जा रही है। यानी विभाग को इनके लिए पैसा नहीं खर्च करना होगा। 

 अस्पतालों की अब लाइव मॉनिटरिंग

प्रदेश के 30 अस्पताल अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मोबाइल से लिंक होंगे। मुख्यमंत्री अब खुद इन अस्पतालों पर नजर रखेंगे। वह ओपीडी और वार्ड सहित अस्पताल की विभिन्न गतिविधियों को अपने मोबाइल के जरिये देख पाएंगे।  फिलहाल 10 अस्पतालों को सीएम के मोबाइल और स्वास्थ्य महानिदेशक कार्यालय से लिंक कर दिया है, अन्य अस्पतालों को भी जल्द लिंक किया जाएगा। किसी अस्पताल से कोई शिकायत मिलने पर मौके पर ही मोबाइल और महानिदेशालय कार्यालय में लगे सिस्टम में देखकर इसका निस्तारण हो सकेगा। स्वास्थ्य महानिदेशालय में गुरुवार को इसका डेमो हुआ।

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