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Coronavirus Effect: उत्तराखंड में स्कूली पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कटौती, आदेश जारी

Coronavirus Effect पढ़ाई पर पड़ रहे असर को देखते हुए प्रदेश सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कटौती की है। चालू शैक्षिक सत्र 2020-21 में बोर्ड और गृह परीक्षाएं पुनर्गठित पाठ्यक्रम के आधार पर होंगी। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इस संबंध में आदेश जारी किए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 08:11 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 08:11 PM (IST)
Coronavirus Effect: उत्तराखंड में स्कूली पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कटौती, आदेश जारी
उत्तराखंड में स्कूली पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कटौती।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। Coronavirus Effect कोविड-19 महामारी से पढ़ाई पर पड़ रहे असर को देखते हुए प्रदेश सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कटौती की है। चालू शैक्षिक सत्र 2020-21 में बोर्ड और गृह परीक्षाएं पुनर्गठित पाठ्यक्रम के आधार पर होंगी। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। 

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कोरोना संक्रमण के मद्देनजर नया सत्र शुरू होने के बावजूद प्रदेश में अभी तक स्कूल नहीं खुल पाए हैं। तमाम छात्र-छात्राएं ऑनलाइन समेत विभिन्न माध्यमों से घरों में ही पढ़ने को मजबूर हैं। ऑनलाइन शिक्षा से निर्धारित पाठ्यक्रम को पूरा करने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। इस वजह से पाठ्यक्रम में कटौती की पैरवी की जा रही है। एनसीईआरटी अपने पाठ्यक्रम में 30 फीसद कटौती कर चुका है। 

उत्तराखंड के सरकारी और सहायताप्राप्त अशासकीय स्कूलों में भी एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू है। लिहाजा इसी तर्ज पर पाठ्यक्रम में कटौती की गई है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इस संबंध में निर्देश दिए थे। अब शिक्षा सचिव ने महानिदेशक को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया कि कक्षा एक से आठवीं तक एनसीईआरटी से तैयार स्पेसिफाइड लर्निंग आउटकम्स और वैकल्पिक कैलेंडर को ही राज्य में लागू किया जाएगा। 

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कक्षा नौ से 12वीं तक उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर से तैयार पुनर्गठित पाठ्यक्रम लागू होगा। उत्तराखंड बोर्ड के पाठ्यक्रम में एनसीईआरटी से अलग भी पुस्तकें भी लागू हैं। इस पाठ्यक्रम को भी पुनर्गठित किया गया है। आदेश में कहा गया कि पहले से निर्धारित पाठ्यक्रम में की गई कटौती से संबंधित पाठ्यक्रम को छात्रों को यथासंभव पढ़ाया जाए। इससे छात्र-छात्राओं को विषय का अधिकतम ज्ञान मिल सकेगा।

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