27 हजार करोड़ की जलविद्युत परियोजनाओं पर अड़ंगा
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जलविद्युत परियोजनाएं पर्यावरण की हितैषी हैं। लेकिन, दुर्भाग्य से कुछ चुनिंदा लोग पर्यावरण हितैषी बनकर परियोजनाओं में अड़ंगा लगाते रहते हैं। करीब 27 हजार करोड़ की जलविद्युत परियोजनाएं ऐसी हैं, जिन पर एनजीटी का पेच फंसा है। इससे ऊर्जा क्षेत्र में विकास बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। विरोध करने वाले लोगों का उद्देश्य पूरी तरह से विकास विरोधी है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जलविद्युत परियोजनाएं पर्यावरण की हितैषी हैं। लेकिन, दुर्भाग्य से कुछ चुनिंदा लोग पर्यावरण हितैषी बनकर परियोजनाओं में अड़ंगा लगाते रहते हैं। करीब 27 हजार करोड़ की जलविद्युत परियोजनाएं ऐसी हैं, जिन पर एनजीटी का पेच फंसा है। इससे ऊर्जा क्षेत्र में विकास बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। विरोध करने वाले लोगों का उद्देश्य पूरी तरह से विकास विरोधी है। ऐसे लोगों को अदृश्य रूप से मिलने वाला समर्थन भी शोध का विषय है।
गुरुवार को उत्तराखंड जलविद्युत निगम लि. (यूजेवीएनएल) के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर बतौर मुख्य अतिथि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड, विद्युत उत्पादन में सिर्फ गुजरात से पीछे है। प्रदेश में अग्रणी राज्य बनने की क्षमता है। वर्ष 2025 तक प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे। उन्होंने जलविद्युत परियोजनाओं का विरोध करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विरोध विकास विरोधी है। क्योंकि जलविद्युत परियोजनाएं प्राकृतिक आपदा की रोकथाम, वन संरक्षण, सिंचाई के रूप में अहम भूमिका निभाती हैं। सीएम ने लखवाड़ परियोजना का उदाहरण देते हुए कहा कि इस परियोजना को 42 साल बाद मंजूरी मिल पाई। इस पर भी पर्यावरण की आपत्ति जताई गई थी। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि अब सोलर ऊर्जा में भी आधुनिक तकनीक का समावेश किया जाएगा। इसके लिए सरकार पहाड़ों में खाली पड़ी भूमि पर सोलर प्लांट लगाएगी। इस अवसर पर यूईआरसी के चेयरमैन सुभाष कुमार, यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा समेत कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
18.6 करोड़ रुपये का लाभांश सौंपा
कार्यक्रम में यूजेवीएनएल के एमडी एसएन वर्मा ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को निगम के लाभांश के एक हिस्से के रूप में 18 करोड़ 68 लाख रुपये का चेक सौंपा। एसएन वर्मा ने कहा कि यूजेवीएनएल प्रदेश का एकमात्र ऐसा निगम है, जो प्रदेश सरकार को लाभांश का हिस्सा सौंप रहा है। तीन वर्षो से सरकार को लाभांश दिया जा रहा है।
सुरेंद्र शर्मा ने किया लोट-पोट
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में आयोजित कवि सम्मेलन में लोकप्रिय हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र रही। सुरेंद्र शर्मा ने अपने खास अंदाज में दर्शकों को हास्य-व्यंग्यों से खूब लोट-पोट किया। उनकी प्रस्तुति के आनंद का ही नतीजा रहा कि रात के ठंडे माहौल में भी दर्शकों ने कुर्सियां नहीं छोड़ी और अपनी सीट पर डटे रहे। वहीं, कवि अरुण जैमी, चिराग जैन, मनीषा ने भी अपनी रचनाओं से लोगों का खूब मनोरंजन किया।