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उत्तराखंड के पलायनग्रस्त 245 गांवों की एक अप्रैल से बदलेगी तस्वीर, जानिए क्या है योजना

पलायन की मार से प्रभावित उत्तराखंड के सात जिलों के 19 ब्लाकों के 245 गांवों की एक अप्रैल से तस्वीर संवरने लगेगी। इन गांवों में पात्र लोगों को हर हाल में 100 दिन का रोजगार मिलेगा।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 08:44 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 08:18 PM (IST)
उत्तराखंड के पलायनग्रस्त 245 गांवों की एक अप्रैल से बदलेगी तस्वीर, जानिए क्या है योजना
उत्तराखंड के पलायनग्रस्त 245 गांवों की एक अप्रैल से बदलेगी तस्वीर, जानिए क्या है योजना

देहरादून, केदार दत्त। पलायन की मार से प्रभावित उत्तराखंड के सात जिलों के 19 ब्लाकों के 245 गांवों की एक अप्रैल से तस्वीर संवरने लगेगी। 50 फीसद से ज्यादा पलायन वाले इन गांवों में विभिन्न विभागों की योजनाओं को मनरेगा से जोड़कर संचालित किया जाएगा। ये सुनिश्चित किया जाएगा कि इन गांवों में पात्र लोगों को हर हाल में 100 दिन का रोजगार मिले।

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इसके साथ ही प्रोजेक्ट उन्नति के तहत उन्हें न सिर्फ निश्शुल्क प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि 100 दिन के बराबर दिहाड़ी भी मिलेगी। जिन कंपनियों के जरिए ट्रेनिंग कराई जाएगी, उनमें प्लेसमेंट भी कराया जाएगा। शासन इन दिनों यह कार्ययोजना तैयार करने में जुटा है। नए वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल से इसे लागू कर दिया जाएगा।

उत्तराखंड में गांवों से निरंतर हो रहा पलायन बड़ी समस्या के रूप में उभरा है। पलायन आयोग की रिपोर्ट ही बताती है कि 500 से ज्यादा गांवों में 50 फीसद से ज्यादा पलायन हो चुका है। इस सबको देखते हुए सरकार ने पलायन को थामने के मद्देनजर कमर कसी है। 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत राज्य रोजगार गारंटी परिषद की हालिया बैठक में प्रथम चरण में पलायन से सर्वाधिक प्रभावित 245 गांवों की तस्वीर संवारने का निर्णय लिया गया था। अब इस सिलसिले में मनरेगा के तहत कार्ययोजना तैयार हो रही है। काफी हद तक इसका खाका खींच लिया गया है। 

परियोजना समन्वयक (मनरेगा) मोहम्मद असलम के अनुसार मनरेगा में विभिन्न विभागों को जोड़कर कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। 245 गांवों में सभी पात्र लोगों को हर हाल में सौ दिन का रोजगार सुनिश्चित कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को 100 दिन का रोजगार मिलेगा, उन्हें प्रोजेक्ट उन्नति में भी निश्शुल्क रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाने के साथ ही सौ दिन के बराबर दिहाड़ी भी दी जाएगी।

परियोजना समन्वयक के अनुसार रोजगारपरक प्रशिक्षण दीनदयाल उपाध्याय उत्तराखंड कौशल विकास योजना और आरसेटी में दिया जाएगा। ये प्रविधान किया जा रहा कि जो भी कंपनी इन गांवों के लोगों को प्रशिक्षण देगी, वह उन्हें प्लेसमेंट भी देगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं के समूह भी बनाए जाएंगे और उन्हें रोजगारपरक कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा। 

पलायन से त्रस्त इन गांवों पर फोकस

जिला------------------गांवों की संख्या

अल्मोड़ा----------------------69

पौड़ी---------------------------54

चंपावत------------------------43

पिथौरागढ़---------------------29

उत्तरकाशी--------------------26

टिहरी--------------------------22

चमोली-------------------------02 

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तैयार हो रही कार्ययोजना 

मनरेगा के अपर सचिव उदयराज सिंह के मुताबिक, 50 फीसद से ज्यादा पलायन वाले 245 गांवों के लिए मनरेगा के तहत कार्ययोजना तैयार हो रही है। इसमें रोजगार व स्वरोजगार पर खास फोकस है। एक अपै्रल से इन गांवों में कार्ययोजना को धरातल पर उतारने की मुहिम शुरू हो जाएगी।

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