Uttarakhand Assembly Session: देवस्थानम बोर्ड पर विधानसभा में चर्चा के पक्ष में कांग्रेस, नहीं माने तो करेगी विरोध
Uttarakhand Assembly Session 2021 कांग्रेस विधानसभा सत्र में चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अधिनियम को रद करने के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की मांग के पक्ष में है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि मांग नहीं मानी गई तो कांग्रेस विरोध दर्ज कराएगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Session 2021 नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि विधानसभा सत्र में चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अधिनियम को रद करने के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की जाएगी। मांग नहीं मानी गई तो कांग्रेस विरोध दर्ज कराएगी। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र की भाजपा सरकारों को सत्ता मद में लिए गए फैसलों पर रोलबैक करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
विधानसभा सभागार में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने अंदेशा जताया कि केंद्र सरकार की तर्ज पर ही राज्य सरकार भी विधानसभा में चर्चा से भाग सकती है। उन्होंने कहा कि कृषि बिलों को रद करने के दौरान संसद में चर्चा नहीं कराई गई। देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अधिनियम को वापस लेने का निर्णय सरकार ले चुकी है। विधानसभा सत्र में इस संबंध में प्रस्ताव पेश किए जाने के दौरान इस पर चर्चा की मांग कांग्रेस पुरजोर तरीके से करेगी। ऐसा हुआ तौ विधानसभा सत्र का औचित्य नहीं रहेगा।
गैरसैंण में विस सत्र से भाग रहे युवा सीएम
गैरसैंण के बजाय देहरादून में विधानसभा सत्र को लेकर हामी भरने को लेकर निशाने पर आए प्रीतम ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में विधानसभा सत्र कराने से भागने के लिए युवा मुख्यमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के साथ अनौपचारिक वार्ता में उन्होंने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के बावजूद वहां गर्मियों में एक भी दिन सरकार न चलाने और वहां शीतकालीन सत्र के औचित्य पर सवाल किए थे। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में शीतकालीन सत्र कराने की स्थिति में वहां स्थायी राजधानी बनाने से कन्नी नहीं काटनी चाहिए। सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने चुनाव घोषणापत्र में इस बारे में अपनी राय रखेगी। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में ढांचागत विकास के कार्य कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही कराए गए थे।
विधान परिषद पर नियमों के अध्ययन के बाद ही हो फैसला
विधान परिषद के गठन की पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मांग पर उन्होंने कहा कि नियमों का अध्ययन करने के बाद ही इस पर फैसला लिया जा सकता है। नियमों में शिथिलता दी जा सकती है तो इस पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला विकास प्राधिकरण, गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने, भूमि कानून में संशोधन और देवस्थानम बोर्ड जैसे कानून बनाते वक्त भाजपा के एक भी सदस्य ने विधानसभा में इनके संबंध में अपना विरोध दर्ज नहीं कराया। अब अपने फैसलों पर रोलबैक करने पर भाजपा और उसके विधायक व मंत्री खुद की पीठ थपथपा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भूमि कानून में संशोधन को भी वापस लेना चाहिए। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर जनता की मांग के मुताबिक भूमि कानून बनाया जाएगा।