लाखामंडल में बदहाल विद्यालय की कब सुधरेगी दशा
चकराता जिम्मेदारों की अनदेखी और शिक्षा विभाग की उदासीनता से जनपद देहरादून के लाखामंडल में स्थित राजकीय विद्यालय भवन की हालत जर्जर हो चुकी है। सौ के करीब छात्र संख्या वाले इस विद्यालय भवन के निर्माण की मांग की गई है।
संवाद सूत्र, चकराता: जिम्मेदारों की अनदेखी और शिक्षा विभाग की उदासीनता से जनपद देहरादून के टूरिस्ट डेस्टीनेशन लाखामंडल में स्थित राजकीय विद्यालय भवन की हालत जर्जर है। भवन की इस हालत की सुध लेना वाला कोई नहीं है। 90 के दशक में बने इस विद्यालय भवन के सभी कमरों में दरारें आ गई हैं, हालत यह है कि छत से सीमेंट का प्लास्टर गिरने लगा है। जर्जर हाल भवन से हादसे का खतरा बना रहता है। समय रहते अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो सौ के करीब छात्र संख्या वाल इस विद्यालय में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
प्रखंड से जुड़े सीमांत देवनगरी लाखामंडल में ग्रामीण बच्चों की सुविधा को सरकार ने वर्ष 1949 में राजकीय प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की। इसके उपरांत यहां वर्ष 1990 में विद्यालय भवन का निर्माण हुआ। वर्तमान में 90 से अधिक छात्र संख्या वाले इस विद्यालय में तीन शिक्षक तैनात है। विद्यालय भवन की बात करें तो देखरेख की कमी से पुराने हो चुके जर्जर भवन की छत से प्लास्टर तक गिरने लगी है। बदहाल पड़े भवन के चार कक्ष हैं, जिनकी दीवारे भी दरकने लगी हैं। इसके अलावा फर्श जगह-जगह से उखड़ने लगा और खिड़की-दरवाजे जबाव देने लगे हैं। जौनसार-बावर जन कल्याण विकास समिति लाखामंडल की अध्यक्ष बचना शर्मा ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से भवन का पुर्ननिर्माण कार्य अगर समय रहते नहीं कराया गया तो किसी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है। पूर्व में कई बार विद्यालय संचालन के समय जर्जर भवन की छत का प्लस्टर गिरने से हादसा किसी तरह टल गया। बावजूद इसके शिक्षा विभाग भवन की हालत सुधारने को कतई गंभीर नहीं है। समिति अध्यक्ष ने किसी अनहोनी व खतरे की आशंका के चलते शासन-प्रशासन से मामले की शिकायत कर बदहाल पड़े दशकों पुराने लाखामंडल विद्यालय भवन की हालत जल्द सुधारने और इसके पुर्ननिर्माण की मांग की।