Question on Sanitizer: बाजार में मौजूद 56 फीसद सैनिटाइजर कारगर नहीं, जानें- किस जिले में कितने नमूने फेल
Question on Sanitizer कोरोना महामारी की रोकथाम में सबसे कारगर हथियार माने जा रहे सैनिटाइजर पर सोसायटी आफ पाल्युशन एंड इनवायरमेंटल कंजर्वेशन साइंटिस्ट (स्पेक्स) ने सवाल उठाए हैं। स्पेक्स के अनुसार बाजार में मौजूद करीब 56 फीसद सैनिटाइजर मानकों के अनुसार नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Question on Sanitizer कोरोना महामारी की रोकथाम में सबसे कारगर हथियार माने जा रहे सैनिटाइजर पर सोसायटी आफ पाल्युशन एंड इनवायरमेंटल कंजर्वेशन साइंटिस्ट (स्पेक्स) ने सवाल उठाए हैं। स्पेक्स के अनुसार, बाजार में मौजूद करीब 56 फीसद सैनिटाइजर मानकों के अनुसार नहीं हैं। अधिकतर में एल्कोहल की मात्रा मानक से कम है। जबकि, कोरोना वायरस को मारने के लिए सैनिटाइजर में 70 फीसद एल्कोहल होना जरूरी है।
स्पेक्स के सचिव बृजमोहन शर्मा ने बताया कि मई-जून में उत्तराखंड के सभी जिलों में सैनिटाइजर टेस्टिंग अभियान चलाया गया। जिसमें 1050 नमूने एकत्र किए गए। जिसमें 578 नमूनों में एल्कोहल की मात्रा मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई। कहा कि कोरोना महामारी से बचने के लिए केंद्र सरकार व अन्य स्वास्थ्य संगठनों ने दिन में बार-बार एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से हाथ साफ करने की सलाह दी है। ऐसे में बाजार में इसकी मांग बढ़ गई और कुछ कंपनियों ने इसमें मानकों की अनदेखी की। प्रदेशभर में लिए गए नमूनों में एल्कोहल फीसद के साथ हाइड्रोजन पराक्साइड, मेथेनाल और रंगों की गुणवत्ता का भी परीक्षण किया। यह परीक्षण केंद्र सरकार की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रयोगशाला में किए गए। कई कंपनियों के सैनिटाइजर में एल्कोहल सिर्फ पांच फीसद तक पाया गया।
अध्ययन में प्राप्त परिणाम
-लगभग 56 फीसद सैनिटाइजर में एल्कोहल मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए। यानि 1050 नमूनों में 578 फेल पाए गए।
-आठ नमूनों में मेथेनाल पाया गया।
-लगभग 112 नमूनों में हाइड्रोजन पराक्साइड की फीसद मात्रा मानकों से अधिक पाई गई।
-लगभग 278 नमूनों में टाक्सिक रंग पाए गए।
-हाइड्रोजन पराक्साइड की मात्रा 0.5 परसेंट से ज्यादा पाई गई।
-मेथनाल बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
किस जिले में कितने नमूने फेल
अल्मोड़ा जिले में 56 फीसद, बागेश्वर में 48 फीसद, चंपावत में 64 फीसद, पिथौरागढ़ में 49 फीसद, ऊधमसिंह नगर में 56 फीसद, हरिद्वार में 52 फीसद, देहरादून में 48 फीसद, पौड़ी में 54 फीसद, टिहरी में 58 फीसद, रुद्रप्रयाग में 60 फीसद, चमोली में 64 फीसद, उत्तरकाशी में 52 फीसद, नैनीताल में 56 फीसद सैंपल में एल्कोहल मानकों के अनुरूप नहीं था।
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