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Covid के साथ डायबिटीज और हाइपरटेंशन है तो ब्लैक फंगस की होगी जांच

Black fungus अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के 17 मामले सामने आने के बाद एम्स प्रशासन ने आवश्यक कदम उठाए हैं। यहां आने वाला मरीज कोरोना संक्रमित होने के साथ अगर डायबिटीज और हाइपरटेंशन का मरीज है तो उसकी ब्लैक फंगस जांच अनिवार्य कर दी गई है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 07:56 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 07:56 PM (IST)
Covid के साथ डायबिटीज और हाइपरटेंशन है तो ब्लैक फंगस की होगी जांच
कोविड के साथ डायबिटीज और हाइपरटेंशन है तो ब्लैक फंगस की होगी जांच।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Black fungus अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के 17 मामले सामने आने के बाद एम्स प्रशासन ने आवश्यक कदम उठाए हैं। यहां आने वाला मरीज कोरोना संक्रमित होने के साथ अगर डायबिटीज और हाइपरटेंशन का मरीज है तो उसकी ब्लैक फंगस जांच अनिवार्य कर दी गई है।

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में 17 कोरोना संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। हालांकि इनमें सात मरीज ऐसे हैं जो पहले से ब्लैक फंगस की पुष्टि के बाद यहां आए हैं। पर, दस मरीज ऐसे हैं, जिन्हें बाद में इसके लक्षण उठ रहे हैं। इसे देखते हुए एम्स प्रशासन ने इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने बताया एम्स में अब तक भर्ती होने वाले मरीज की आरटी पीसीआर जांच की जाती थी। अब क्योंकि ब्लैक फंगस के मामले सामने आ गए हैं इसलिए संक्रमित मरीज यदि पहले से डायबिटीज और हाइपरटेंशन से ग्रसित है तो उसके लिए ब्लैक फंगस की जांच अनिवार्य कर दी गई हैं। यह व्यवस्था रविवार से ही लागू कर दी गई है।

यहां समझिए क्या है ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगस को म्यूकोर्मिकोसिस को काला कवक के नाम से भी पहचाना जाता है। इसका संक्रमण नाक से शुरू होता है और आंखों से लेकर दिमाग तक फैल जाता है। इस बीमारी में में कुछ गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए उनकी आंखें तक निकालनी पड़ती है। इस फंगस को गले में ही शरीर की एक बड़ी धमनी कैरोटिड आर्टरी मिल जाती है। आर्टरी का एक हिस्सा आंख में रक्त पहुंचाता है।

फंगस रक्त में मिलकर आंख तक पहुंचता है। कई गंभीर मामलों में मस्तिष्क भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो सकता है। लक्षणों पर नहीं किया गौर तो स्थिति हो सकती है गंभीर फंगल इंफेक्शन से गाल की हड्डी में एक तरफ या दोनों दर्द हो सकता है। यह फंगल इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण है।

विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे ब्लैक फंगल इंफेक्शन किसी व्यक्ति को अपनी चपेट में लेता है, तो उसकी आंखों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इसके कारण आंखों में सूजन और रोशनी भी कमजोर पड़ सकती है। फंगल इंफेक्शन मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है, जिससे भूलने की समस्या, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं आ सकती हैं।

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