बावर, देवघार और शिलगांव क्षेत्र में ओलावृष्टि से फसलें तबाह
चकराता मौसम का मिजाज बदलने से शनिवार को सीमांत त्यूणी और बंगाण क्षेत्र से जुड़े क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई इससे जहां खेतों में खड़ी फसल को नुकसान हुआ वहीं पहाड़े फल भी प्रभावित हुए।
संवाद सूत्र, चकराता: मौसम का मिजाज बदलने से शनिवार को सीमांत त्यूणी और बंगाण क्षेत्र से जुड़े कई ग्रामीण इलाकों में भारी ओलावृष्टि हुई, जिससे कृषि-बागवानी को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि के चलते पर्वतीय फलों में सेब की फसल चौपट हो गई। इसके अलावा खेतों में तैयार कृषि और साग-सब्जी की फसलें भी बर्बाद हो गई। मौसम की मार से बेहाल क्षेत्र के प्रभावित किसानों ने शासन-प्रशासन से नुकसान की भरपाई को मुआवजे की मांग की है।
शनिवार को दोपहर बाद मौसम के एकाएक करवट बदलने से जौनसार-बावर के सीमांत त्यूणी तहसील से जुड़े देवघार खत के मेघाटू, भगवत, छुमरा, भाटगढ़ी, मुंधोल, रडू, शेडिया, बानपुर, शिलगांव के भूठ-फनार, कथियान, बावर क्षेत्र के बागी, कूणा, चौसाल, बास्तील, कोटी-बावर, निनुस, ओवरासेर समेत आसपास के अन्य गांवों और सीमावर्ती बंगाण क्षेत्र के कई ग्रामीण इलाकों में ओलावृष्टि हुई। सेब, नाशपाती, आडू, खुमानी, पुलम, अखरोट के वृक्षों में फ्लोरिग के बाद आए फल झड़ गए। साथ ही खेतों में कटाई को तैयार गेंहू की फसल और टमाटर व अन्य साग-सब्जी की पौधे चौपट हो गई। प्रभावित किसानों में भरत सिंह राणा, राजेंद्र सिंह, बालम सिंह राणा, हरिशचंद्र, कल सिंह, बरजीत जिनाटा, महिमानंद, दीपक राणा, संदीप, केवलराम जिनाटा, दिगंबर राणा, दुर्गादत्त शर्मा, उदय सिंह, यशपाल सिंह आदि ने कहा कि इस बार बारिश और बर्फबारी कम होने से स्थानीय किसान पहले ही निराश थे और ऊपर से आफत बनकर आई ओलावृष्टि ने रही सही कसर पूरी कर दी। सीमांत क्षेत्र में हुई करीब 20 मिनट की ओलावृष्टि ने स्थानीय किसानों की मेहनत पर पानी फिर दिया। प्रभावित किसानों ने शासन-प्रशासन से फसलें व बागवानी चौपट होने से मुआवजे की गुहार लगाई है। वहीं, तहसीलदार पूरण सिंह तोमर ने राजस्व उपनिरीक्षक तिलकराम जोशी व सुरेश चंद्र जिनाटा को प्रभावित इलाकों का मौका मुआयना कर ओलावृष्टि से हुए नुकसान की रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने को कहा है।