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Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड में फिर बेकाबू होने लगी जंगल की आग, 24 घंटे में हुईं 160 घटनाएं

Uttarakhand Forest Fire उत्तराखंड में जंगलों की आग काबू में आने का नाम नहीं ले रही। पिछले दिन के मुकाबले जंगल में आग लगने की घटनाएं तीन गुना बढ़ गई। रविवार को 24 घंटे में प्रदेशभर में 60 घटनाएं सामने आई थी सोमवार को इनकी संख्या 160 पर पहुंच गई।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 10:20 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 10:20 AM (IST)
Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड में फिर बेकाबू होने लगी जंगल की आग, 24 घंटे में हुईं 160 घटनाएं
उत्तराखंड में फिर बेकाबू होने लगी जंगल की आग, 24 घंटे में हुईं 160 घटनाएं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Forest Fire उत्तराखंड में जंगलों की आग काबू में आने का नाम नहीं ले रही। पिछले दिन के मुकाबले जंगल में आग लगने की घटनाएं तीन गुना बढ़ गई। रविवार को 24 घंटे में प्रदेशभर में 60 घटनाएं सामने आई थी, सोमवार को इनकी संख्या 160 पर पहुंच गई। बढ़ती घटनाओं के साथ वन संपदा को हो रहे नुकसान का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। यही नहीं, कई रिहायशी इलाके, मवेशी और लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। उधर, वन विभाग, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड भी आग पर काबू पाने में जुटे हैं। 

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इस साल फायर सीजन प्रदेश पर भारी साबित हो रहा है। दो सप्ताह से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन जंगल की आग पर अंकुश लगाने में कामयाबी हासिल नहीं हो रही। जानबूझकर जंगलों में आग लगाने वाले शरारती तत्वों भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। वन विभाग लगातार ऐसे लोग को पकड़ने के प्रयास कर रहा है। वन विभाग के बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में आग से 249.95 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जिसमें 120 हेक्टेयर आरक्षित वन क्षेत्र और 40 हेक्टेयर क्षेत्र सिविल और वन पंचायतों का है।

इसमें आधे से ज्यादा घटनाएं गढ़वाल मंडल की हैं, जहां 86 घटनाएं हुई हैं। इसमें भी पौड़ी गढ़वाल सर्कल में वन सबसे ज्यादा धधक रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आग की इन घटनाओं से 457841 लाख की आर्थिक क्षति भी हुई है। जंगल की आग कार्बेट रिजर्व फॉरेस्ट तक में फैल गई है। 

जंगल की आग से बाधित हुआ हाईवे

कुमाऊं के पर्वतीय जिलों में जंगल की आग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। अल्मोड़ा जिले में फलसीमा क्षेत्र में जंगल की लपटों ने पिथौरागढ़ हाईवे पार सिटोली वन क्षेत्र को भी चपेट में ले लिया। चीड़ के पेड़ जल कर धराशायी होने से राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात कई घंटे ठप रहा। बागेश्वर, पिथौरागढ़, जिला मुख्यालय के निकटवर्ती सिलपाटा, धनौड़ा के जंगलों में भी आग भीषण रही। बरम के ठुलीगैर जंगल में लगी आग गांव तक पहुंच गई तो ग्रामीणों ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। 

आग से बेशकीमती पेड़ों को नुकसान

मसूरी-धनोल्टी रोड पर सुवाखोली के समीपवर्ती जंगल में आग से बांज, बुरांश और देवदार के पेड़ों को नुकसान पहुंचा। सोमवार सुबह आग लगी। वनकर्मियों ने स्थानीय लोग की मदद से आग बुझाने के प्रयास शुरू किए, लेकिन तेज हवाओं के कारण वनाग्नि और विकराल होती गई। प्रभागीय वनाधिकारी कहकशां नसीम ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है। इस बार जंगल की आग की रोकथाम में लोग का भरपूर सहयोग मिल रहा है। 

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