'चुप्पी तोड़ो, स्त्रीत्व से नाता जोड़ो'
जागरण संवाददाता ऋषिकेश महिलाओं को अब अपनी शारीरिक समस्याओं के साथ नहीं जीना पड़ेगा। उन्हें उचित परामर्श व उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। एम्स ऋषिकेश ने इसके लिए स्त्री वरदान अभियान शुरू किया है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
महिलाओं को अब अपनी शारीरिक समस्याओं के साथ नहीं जीना पड़ेगा। उन्हें उचित परामर्श व उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। एम्स ऋषिकेश ने इसके लिए स्त्री वरदान अभियान शुरू किया है। 'चुप्पी तोड़ो, स्त्रीत्व से नाता जोड़ो' इस अभियान का ध्येय वाक्य है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर सात मार्च को एम्स ऋषिकेश के रिकंस्ट्रक्टिव और कॉस्मेटिक गायनोकॉलोजी विभाग की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। शनिवार को एम्स में आयोजित प्रेस वार्ता में गायनोकॉलोजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. जया चतुर्वेदी व रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गायनोकॉलोजी विभाग के अध्यक्ष व स्त्री वरदान कार्यक्रम के निदेशक डॉ. नवनीत मग्गो ने यह जानकारी दी।
डॉ. मग्गो ने कहा कि स्त्री वरदान कार्यक्रम की शुरुआत एम्स ऋषिकेश ने 31 अक्टूबर 2020 को की थी। यह कार्यक्रम उन तमाम महिलाओं की आवाज बनेगा, जो अपनी निजी स्वास्थ्य समस्याओं को चुपचाप सहती रहती हैं। इस कार्यक्रम में देश और उत्तराखंड राज्य के प्रतिष्ठित व्यक्ति प्रतिभाग कर रहे हैं। जिसमें राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, महामंडलेश्वर आचार्य अवधेशानंद गिरी महाराज, स्वामी देवानंद सरस्वती महाराज, स्वामी विजय कौशल महाराज, हंस फाउंडेशन की माता मंगला, राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा आर्य, यमकेश्वर विधायक रितु खंडूड़ी, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. चिन्मय पांड्या, दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक आशीष गौतम शिरकत करेंगे।
अभियान में अब तक एम्स के साथ तीन सौ से अधिक वालंटियर जुड़ चुके हैं, जो समस्याओं से जूझ रही महिलाओं को जागरूक कर उन्हें समुचित उपचार के लिए प्रेरित करेंगे। भविष्य में आशा कार्यकत्र्ताओं को भी इस मुहिम से जोड़ने की योजना है। साथ ही कोशिश रहेगी कि पाठ्यक्रम के जरिए भी इस दिशा में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
इस टोल फ्री नंबर पर करें संपर्क
जो भी महिलाएं स्वास्थ्य परामर्श लेना चाहती हैं, वह एम्स के टोल फ्री नंबर 8811009900 पर कभी भी संपर्क कर सकती हैं। उन्हें एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सक निश्शुल्क परामर्श और उपचार उपलब्ध कराएंगे।