राज्य बनने के 20 साल बाद भी सड़क से वंचित है तारली गांव
साहिया राज्य बनने के 20 साल बाद भी तारली गांव सड़क सुविधा से वंचित हैं। यहां के ग्रामीण प्रतिदिन परेशानी उठाकर आवागमन कर रहे हैं।
संवाद सूत्र, साहिया: राज्य बनने के 20 साल बाद भी तारली गांव सड़क सुविधा से वंचित हैं। यहां के ग्रामीण प्रतिदिन कठिनाई से आवागमन कर रहे हैं। मुख्य मार्ग से गांव तक जाने के लिए तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई से पसीने छूट जाते हैं। सबसे अधिक परेशानी तक होती है जब गांव से किसी बीमार को अस्पताल पहुंचाना होता है। कई बार जनप्रतिनिधियों समेत शासन तक समस्या बताई गई, लेकिन उसके बाद भी गांव को सड़क से नहीं जोड़ा गया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि 2022 से पहले तारली गांव को सड़क सुविधा से नहीं जोड़ा गया तो नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा।
राज्य उत्तराखंड बना तो तारली गांव के ग्रामीणों में उम्मीद जगी कि अब उनको भी सड़क सुविधा मुहैया हो जाएगी। गांव तक गाड़ियां पहुंचेंगी और उनके रोजाना के कष्ट कट जाएंगे, लेकिन इसी उम्मीद में बच्चे जवान हो गए और जवान बूढ़े, लेकिन गांव तक सड़क का सपना अधूरा ही है। ग्रामीणों को सबसे ज्यादा परेशानी उस समय होती है, जब कोई बीमार हो जाता है। बीमार को स्वजन कंधे पर उठाकर पगडंडीनुमा रास्ते पर अस्पताल ले जाने को मजबूर हैं। साहिया के स्कूल जाने वाले बच्चों को भी तीन किलोमीटर की पैदल दूरी नापने के बाद वाहन सुविधा मिलती है। तारली में 18 परिवारों की करीब तीन सौ की आबादी है। ग्रामीण क्षेत्रीय विधायक, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों व शासन स्तर तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी समस्या बरकरार है। ग्रामीण परम सिंह, रतन सिंह, पूरण सिंह, जयपाल सिंह, अमर सिंह, अनिल तोमर, खजान सिंह, बीरेंद्र सिंह, नारायण तोमर, भाव सिंह, दिनेश तोमर, सूरत सिंह, चतर सिंह, चमन सिंह, जगत सिंह आदि का कहना है कि लगभग पूरे जौनसार-बाबर में सड़क बन गई, लेकिन उनका गांव आज भी इस सुविधा से वंचित है। उधर, लोनिवि साहिया खंड के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह का कहना है कि तारली गांव तक मार्ग निर्माण के लिए शासन को स्टीमेट भेजा जा चुका है। शासन से स्वीकृति मिलने पर ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।