Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड : नए बजट में आधी आबादी पर रहेगा सरकार का फोकस

सरकार के नए बजट में खास फोकस रहने जा रहा है। बजट सत्र से पहले ही पैतृक संपत्ति में महिलाओं को सह खातेदार बनाने घस्यारी कल्याण योजना और फिर घरों पर बेटी की नेम प्लेट लगाने की योजना प्रारंभ कर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके संकेत दे दिए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 06:05 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 09:05 AM (IST)
उत्‍तराखंड : नए बजट में आधी आबादी पर रहेगा सरकार का फोकस
उत्‍तराखंड मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। चिपको आंदोलन के रूप में पहले पर्यावरण की अलख जगाने के बाद उत्तराखंड राज्य के गठन में अहम भूमिका निभा चुकी मातृशक्ति पर सरकार के नए बजट में खास फोकस रहने जा रहा है। बजट सत्र से पहले ही पैतृक संपत्ति में महिलाओं को सह खातेदार बनाने, घस्यारी कल्याण योजना और फिर घरों पर बेटी की नेम प्लेट लगाने की योजना प्रारंभ कर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके संकेत दे दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में महिलाओं को राहत देने को कई नए कदम दिखाई पड़ सकते हैं।

loksabha election banner

सरकार ने प्रदेश की आधी आबादी महिलाओं को केंद्र में रखकर एक पखवाड़े के भीतर कई अहम फैसले लिए हैं। खासतौर पर तीन बड़े फैसलों के हर वर्ग को साधा गया है। बीती 17 फरवरी को त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल ने महिलाओं को पैतृक संपत्ति में सह खातेदार बनाने का अहम निर्णय लिया। इसके माध्यम से महिलाओं को संपत्ति पर सिर्फ नाम ही नहीं, बल्कि संक्रमणीय अधिकार दिया गया है। यानी महिलाएं जरूरत पड़ने पर संपत्ति को बेच सकती हैं अथवा ऋण लेकर कारोबार से जुड़ सकती हैं। इससे संबंधित विधेयक को अब गैरसैंण में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में पेश किया जाएगा।

महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की इस कवायद को आगे बढ़ाकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को चारे के बोझ से राहत दिलाई गई है। बीती 25 फरवरी को मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना पर मुहर लगाई। पर्वतीय क्षेत्रों की करीब 3.41 लाख महिलाओं को अब उनके घरों पर चारा पहुंचाने का इंतजाम योजना के माध्यम से किया गया है। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए अगले वित्तीय वर्ष के बजट में प्रविधान किया गया है। मंत्रिमंडल इस योजना के लिए सब्सिडी के तौर पर दी जाने वाली धनराशि को मंजूरी दे चुका है।

घस्यारी कल्याण योजना की एक खास बात ये भी है कि इससे दुग्ध उत्पादन व्यवसाय से जुड़े किसान परिवारों को लाभ पहुंचेगा। दुधारू पशुओं के लिए पौष्टिक चारा सहजता से उपलब्ध होगा। जिसतरह इस कार्य के लिए मक्के की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है, निकट भविष्य में चारा उत्पादन को व्यावसायिक नजरिये से प्रोत्साहित कर खेती को नए आयाम देने की तैयारी भी है। चारे के इंतजाम में लगने वाले समय की बचत होने से महिलाएं लघु उद्यमों व स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिकी को मजबूती देने में और सशक्त भूमिका निभा सकेंगी।

इस योजना के दो दिन बाद ही मुख्यमंत्री ने महिलाओं को प्रमुखता और सम्मान देने की पहल के रूप में घरैकी पहचाण-चेलिक योजना लांच की। इसकी शुरुआत नगरपालिका क्षेत्र नैनीताल के आठ हजार घरों से की जा रही है। बाद में इसे बड़े अभियान के तौर पर पूरे प्रदेश में प्रोत्साहित किया जाएगा। महिलाओं के लिए अग्निशमन विभाग में भी रोजगार के अवसर सृजित किए गए हैं। नए बजट में उक्त योजनाओं को मजबूती देने के संकेत हैं।

यह भी पढ़ें-Uttarakhand Budget Session 2021: राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा-उत्‍तराखंड को विकसित राज्‍यों की श्रेणी में लाना लक्ष्‍य

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.