आज सामूहिक अवकाश पर रहेंगे अशासकीय कॉलेजों के शिक्षक, जानिए वजह
राज्य के 16 सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेजों के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिला है। इसके विरोध में आज (मंगलवार को) इन कॉलेजों के शिक्षक व कर्मचारी एक दिन के सामूहिक अवकाश पर रहेंगे और संबंधित अधिकारियों के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठेंगे।
जागरण संवाददाता, देहरादून। राज्य के 16 सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेजों के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिला है। इसके विरोध में आज (मंगलवार को) इन कॉलेजों के शिक्षक व कर्मचारी एक दिन के सामूहिक अवकाश पर रहेंगे और संबंधित अधिकारियों के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठेंगे। इससे आज से शुरू हो रही बार काउंसिल ऑफ इंडिया की विधि की परीक्षाएं भी प्रभावित होंगी।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (ग्रूटा) के अध्यक्ष डॉ. वीपी सिंह और महामंत्री डॉ. डीके त्यागी ने रविवार को उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. कुमकुम रौतेला को इस संदर्भ में ज्ञापन प्रेषित किया था। डॉ. वीपी सिंह ने बताया कि प्रदेश के 18 में से 16 सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेज के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को दिसंबर से वेतन नहीं मिला है। अधिकारी वेतन जारी करने का झूठा आश्वासन दे रहे हैं।
वेतन नहीं मिलने से कॉलेजों के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। डॉ. डीके त्यागी ने आरोप लगाया कि शासन कुछ चुनिंदा अशासकीय कॉलेजों को निशाना बना रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की शैक्षिक क्षति की संपूर्ण जिम्मेदारी वेतन रोकने वाले अधिकारियों की होगी। उन्होंने बताया कि मंगलवार को दून के डीएवी, डीबीएस और श्री गुरु राम राय पीजी कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
पत्रावली आगे न बढ़ाने वाले बाबू पर गिरेगी गाज
एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने प्रधान लिपिक शाखा का वार्षिक निरीक्षण करते हुए पत्रावलियों की धीमी जांच पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में किसी लिपिक की टेबल पर कोई पत्रावली अनावश्यक रूप से लंबित पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान एसएसपी ने अभिलेखों का निरीक्षण किया।
उन्होंने विभागीय जांचों व पत्रावलियों को खोले जाने के लिए बनाए गए रजिस्टर के अवलोकन के दौरान प्रधान लिपिक को निर्देशित किया कि रजिस्टर के इंडेक्स में जिन पत्रावलियों को नंबर दिया जाता है, उनके सामने मात्र निस्तारण लंबित लिखा जा रहा है। पत्रावली किस स्तर पर अथवा किस लिपिक के पास लंबित है, उसका कारण क्या है, इसका उल्लेख जरूरी है।
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