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सभी के लिए नजीर बनी यहां के शिक्षा विभाग की अनोखी पहल, बच्चों के घर तक पहुंचा दिया स्कूल

कोरोना संक्रमण के चलते उत्तराखंड में बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है लेकिन कई ऐसे बच्चे हैं जो ऑनलाइन पढ़ाई करने में सक्षम नहीं हैं। हरिद्वार के शिक्षा विभाग ने जिले के ऐसे बच्चों की पढ़ाई के लिए अनोखी पहल की है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 06:06 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 11:44 PM (IST)
सभी के लिए नजीर बनी यहां के शिक्षा विभाग की अनोखी पहल, बच्चों के घर तक पहुंचा दिया स्कूल
सभी के लिए नजरी बनी यहां के शिक्षा विभाग की अनोखी पहल।

हरिद्वार, अनूप कुमार। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते उत्तराखंड में भी बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है, लेकिन कई ऐसे बच्चे भी हैं जो ऑनलाइन पढ़ाई करने में सक्षम नहीं हैं या आर्थिक रूप से कमजोर हैं। हरिद्वार जिले में भी यही हालात हैं, लेकिन यहां का शिक्षा विभाग ऐसे बच्चों की पढ़ाई के लिए इस संकट की घड़ी में संकटमोचक बनकर सामने आया है। चालू शिक्षा सत्र की पढ़ाई को पूरा कराने, उनका साल बर्बाद न हो इसके लिए विभाग ने 'रूम-टू-रीड' की अनोखी पहल की है और राज्य के अन्य जिलों को समस्या के समाधान के लिए नई राह दिखाई है। 

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'रूम-टू-रीड' के जरिए हरिद्वार का शिक्षा विभाग ऑनलाइन शिक्षा से वंचित विभिन्न सरकारी स्कूलों में हजारों की संख्या में पढ़ रहे बच्चों के घर शिक्षक भेज रहा है। इस दौरान करोना संक्रमण की गाइड लाइन का सख्ती के साथ पालन किया जा रहा है। अपने मजबूते इरादों के बूते हरिद्वार के शिक्षा विभाग ने अपनी 'रूम-टू-रीड' योजना के तहत अबतक जिले के 35 हजार बच्चों के घरों पर ही स्कूल को पहुंचा दिया है। बाकी जगहों में भी यह व्यवस्था नजीर बन गई है।  

कोरोना संक्रमण काल और लॉकडाउन के चलते स्कूली शिक्षा बंद पड़ी है। ऐसे में सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है, लेकिन सरकारी विद्यालयों खासकर दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में तमाम बच्चे इससे वंचित हैं। इसका कारण, कमजोर आर्थिक स्थिति, जरूरी संसाधनों एंड्रायड फोन, लैपटॉप या कंप्यूटर का अभाव है। जिले में ऐसे विद्यार्थियों की संख्या 35 हजार बताई जा रही है। 

इनसे ली जा रही है मदद 

इस मुहिम में इन बच्चों के रिहायशी इलाकों में रहने वाले शिक्षा मित्रों, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों और गैर सरकारी संगठन के कार्यकर्ताओं की मदद ली जा रही है। इतना बड़ा काम इस खामोशी से साथ किया गया कि किसी को कानोंकान खबर तक न हुई और ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित बच्चों की शिक्षा को शिक्षक उनके घर पहुंच गए।      

एक लाख से ज्यादा छात्र हैं सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत 

हरिद्वार के विभिन्न सरकारी विद्यालयों कक्षा एक से 12 तक में कुल एक लाख 12 हजार 123 ब्च्चों चालू सत्र में अध्यापन कर रहे हैं। जिले में फिलवक्त कुल 946 विभिन्न सरकारी स्कूलों में 671 प्राथमिक विद्यालय, 172 जूनियर हाइस्कूल और 68 हाइस्कूल और 35 इंटर कॉलेज हैं। प्राथमिक विद्यालयों में 70 हजार 695, जूनियर हाइस्कूल में 26 हजार 317, हाइस्कूल में 11 हजार 125 और इंटर कॉलेज में तीन हजार 986 छात्र-छात्राएं पढ़ रही हैं। संक्रमण काल के दौरान से ही स्कूली शिक्षा के बंद रहने के कारण इन्हें ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है।

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अभिभावक और छात्र इस पहल से हैं बेहद खुश 

जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी डा. आनंद भारद्वाज ने बताया कि यह बड़ा टास्क था, लेकिन उनकी टीम ने इसे पूरा कर दिखाया। बताया कि इसके लिए पहले एक-एक बच्चे का डाटा तैयार किया गया। फिर यह पता लगाया गया कि इनमें कौन-कौन और कहां-कहां का बच्चा आनलाइन पढ़ाई कर पाने में सक्षम नहीं है। फिर उस इलाके के शिक्षा मित्र, एनएसएस और एनजीओं के स्वयं सेविकों से संपर्क कर उन्हें इसके लिए तैयार किया गया। उन्हें कोविड-19 की गाइड लाइन के तहत इस तरह का काम करने को प्रशिक्षत कर इस काम में लगाया गया। इसके परिणाम काफी बेहतर हैं। इस पहल से बच्चे और उनके अभिभावक न सिर्फ संतुष्ट हैं, बल्कि बेहद खुश भी हैं। 

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