सावधान! ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो इन बातों का रखें ध्यान, वरना हो सकते हैं धोखाधड़ी का शिकार
ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो यह खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए। दरअसल इन दिनों साइबर ठगों का ऐसा गैंग संक्रिय है जो दूसरों के नाम की फेक आईडी बनाकर और उन्हीं के वाहन की फोटो यूज कर वाहन बेचने के नाम पर ऑनलाइन ठगी करते हैं।
देहरादून, संतोष तिवारी। अगर आप भी ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो यह खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए। आजकल ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए एक तो घर बैठे सामान मिल जाता है तो देश-दुनिया की किसी भी कंपनी से मनमाफिक सामान लेने की सहूलियत भी देता है। कोई ऑनलाइन कपड़े मंगाता है, तो कोई खाना ऑर्डर करता है। कई ओएलएक्स साइट पर घर का सामान या वाहन खरीदते हैं। ऐसा करने वाले सावधान रहें और सतर्क भी। दरअसल, इन दिनों साइबर ठगों का ऐसा गैंग संक्रिय है, जो दूसरों के नाम की फेक आईडी बनाकर और उन्हीं के वाहन की फोटो यूज कर वाहन बेचने के नाम पर ऑनलाइन ठगी करते हैं। इसमें अधिकतर सेना के जवानों के नाम से आइडी बनाकर ठगी की जा रही है, क्योंकि सेना का नाम आते ही लोग एकदम से यकीन कर लेते हैं कि विज्ञापन सही ही होगा।
देहरादून की बात करें तो यहां बीते नौ महीने के दौरान तीस से अधिक ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन लोग सतर्क नहीं हो रहे हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। बीते अगस्त महीने में हुए एक वाकये के बारे में जानकर आप जरूर सतर्क होंगे। दरअसल, सेना में तैनात गोपाल कृष्ण शेखर निवासी आर्मी कैंट रायवाला ने खुद की मारुति कार को बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन डाला, लेकिन कुछ समय बाद विज्ञापन हटा दिया। फिर किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके नाम की फर्जी आइडी बनाई और खुद को फौजी बताया। उसने ओएलएक्स के साथ ही फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाकर गाड़ी का प्रचार कर धोखाधड़ी शुरू कर दी। गोपाल कृष्ण की शिकायत पर साइबर सेल देहरादून की जांच के बाद रायवाला थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। यह तो एक बानगी भर है।
इसी महीने में नेहरू कालोनी थाना क्षेत्र में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां के देवांचल विहार में रहने वाले प्रेम सिंह धनाई ने पुराना सोफा बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन डाला था। इसके कुछ दिन बाद एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और खुद को फौजी बताते हुए सोफा खरीदने की बात कही। सोफे की रकम उसने पेटीएम के माध्यम से सीधे बैंक खाते में भेजने का झांसा देकर प्रेम सिंह के मोबाइल पर आया ओटीपी पूछ लिया। इसके कुछ देर बाद प्रेम सिंह के खाते से 34 हजार रुपये निकल गए। मामले का पुलिस पर्दाफाश भी कर चुकी है। गिरोह राजस्थान के भरतपुर में बैठकर वारदात को अंजाम दे रहा था।
इसका रखें ख्याल तो नहीं होंगे धोखाधड़ी का शिकार
ऑनलाइन शॉपिंग करते समय अगर ग्राहक थोड़ी सी सावधानी बरतें तो धोखाधड़ी का शिकार होने से बच सकते हैं। डीआइजी एसटीएफ रिधिम अग्रवाल कहती हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग करते समय लोगों को सावधानी रखने की जरूरत है। क्रेडिट या डेबिट कार्ड के नंबर, ओटीपी या सीवीवी कोड को भी ध्यान से भरें और यह सूचना संबंधित वेबसाइट पर सेव न करें। वरना खाते से बड़ी रकम भी निकल सकती है।
इन बातों पर ध्यान दें...
-हमेशा नामचीन और अच्छी कंपनी की वेबसाइट से ही खरीदारी करें।
-ज्यादा बचत देखकर किसी ऐसी वेबसाइट से खरीदारी न करें, जिसके बारे में जानकारी नहीं है।
-वेबसाइट का यूआरएल जरूर चेक करें। वह एचटीटीपी के बजाय एचटीटीपीएस होना चाहिए। आखिर में एस का मतलब है कि गूगल ने उसे सिक्योर्ड किया है। इससे आप धोखाधड़ी पर आसानी से क्लेम कर सकते हैं।
-किसी कंपनी का कोई उत्पाद अगर तीसरी कंपनी बेच रही है तो उसके नाम, पते आदि की जानकारी कर लें और मुख्य कंपनी से संपर्क कर पता करें।
-वेबसाइट पर सामान की फोटो देखने से वह काफी आकर्षक लगता है। जबकि बाद में ठगे जाने का अहसास होता है। इसलिए उत्पाद को अच्छी तरह से जांच लें। यह सुनिश्चित हो कि जो उत्पाद बुक किया है वही डिलीवर हुआ है।
-ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले अपने जान पहचान वालों से भी संबंधित वेबसाइट व उसकी सर्विस के बारे में पता कर लें। ताकि धोखाधड़ी की कोई आशंका न रहे।
-उत्पाद बुक करने के लिए जब भी ऑनलाइन बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट करें तो बिल के बारे में भी जानकारी लें। बैंक अनुमति के बिना पेमेंट नहीं करती हैं।
-ऑनलाइन पेमेंट करते समय कभी भी क्रेडिट कार्ड नंबर पहले न डालें। प्रोफार्मा पर उत्पाद की सूचना भर लें, इसके बाद बैंक से जुड़ी जानकारी भरें।
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