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उत्तराखंड के पहले सिटी फॉरेस्ट का सीएम ने किया लोकार्पण, जानें- किस शहर में और क्या है खासियत

City Forest मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में राज्य के पहले सिटी फॉरेस्ट का लोकार्पण किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि शहर को प्रकृति के करीब रखने का सिटी फॉरेस्ट उचित माध्यम है। यहां घटते आए वन क्षेत्र और पेड़-पौधों के लिहाज से इसकी खासी आवश्यकता थी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 09:10 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 11:35 PM (IST)
उत्तराखंड के पहले सिटी फॉरेस्ट का सीएम ने किया लोकार्पण, जानें- किस शहर में और क्या है खासियत
सिटी फॉरेस्ट का लोकार्पण करते सीएम त्रिवेंद्र रावत।

देहरादून, जेएनएन। City Forest शहर को प्रकृति के करीब रखने का सिटी फॉरेस्ट उचित माध्यम है। देहरादून में लगातार घटते आए वन क्षेत्र और पेड़-पौधों के लिहाज से यहां सिटी फॉरेस्ट की खासी आवश्यकता थी। आनंद वन दूनवासियों को वास्तविक आनंद की अनुभूति कराएगा। साथ ही इससे पर्यटक भी आकर्षित होंगे। अभी यहां संस्कृति ग्राम की परिकल्पना पर कार्य किए जाने की आवश्यकता है। यह बातें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य के पहले सिटी फॉरेस्ट के लोकार्पण अवसर पर कहीं।

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झाझरा वन रेंज में नव निर्मित सिटी फॉरेस्ट आनंद वन का मंगलवार को लोकार्पण किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, वन मंत्री हरक सिंह रावत, सहसपुर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ आनंद वन का भ्रमण भी किया। साथ ही साइकिलिंग ट्रैक पर साइकिल भी चलाई। सिटी फॉरेस्ट में राज्य के विभिन्न प्रजातियों के जीव-जंतुओं और प्राकृतिक दृश्यों को प्रतिकृतियों के माध्यम से दर्शाया गया है। जानकारी के लिहाज से इसे नेचर एजुकेशन सेंटर के रूप में विकसित किया गया है, जिसमें विभिन्न प्रजातियों के जीव-जन्तुओं और वनस्पतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। 

आमजन के लिए खुलेगा नवरात्रि पर 

इस साल नवरात्रि के प्रथम दिवस से यह सिटी फॉरेस्ट आमजन के लिए खोला जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि झाझरा में वन विभाग ने प्रकृति से छेड़छाड़ किए बिना सिटी फॉरेस्ट तैयार किया है। आनंद वन में उत्तराखंड की उपकृति को दिखाने का अच्छा प्रयास किया गया है, लेकिन अभी संस्कृति ग्राम की परिकल्पना है, इस पर भी कार्य करना होगा, जिसमें प्रदेश की संस्कृति, शिल्प, देवस्थानों और परंपराओं झलक भी सिटी फॉरेस्ट में दिखे। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस सिटी पार्क पर एक लघु फिल्म बनाकर इसका प्रचार किया जाए।

सिटी फॉरेस्ट बनना बड़ी उपलब्धि  

विधायक सहदेव पुंडीर ने कहा कि सहसपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए झाझरा में सिटी फॉरेस्ट का बनना बड़ी उपलब्धि है। इससे क्षेत्र में पर्यटन की गतिविधियां भी बढ़ेंगी और स्थानीय को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। इस अवसर पर वन विकास निगम के अध्यक्ष सुरेश परिहार, मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक, साधना जयराज, प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून राजीव धीमान समेत विभाग के तमाम अधिकारी उपस्थित थे।

10000 रोजगार उपलब्ध कराएगा वन विभाग

समाज के लिए एक धरोहर 

वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि यह सिटी फॉरेस्ट वन विभाग की ओर से समाज को एक धरोहर के रूप में सौंपा जा रहा। हल्द्वानी और ऋषिकेश में भी थीम बेस्ड सिटी पार्क बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग को 10 हजार व्यक्तियों को रोजगार का जो लक्ष्य दिया गया है, वह शीघ्र पूरा किया जाएगा। इस वर्ष कैम्पा के माध्यम से 400 करोड़ रुपये के कार्य किए जाएंगे, जिसमें स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सकेगा। केंद्र सरकार के सहयोग से देहरादून व कोटद्वार में नगर वन बनाने की योजना तैयार की जा रही है। राज्य के अनेक विकासखंडों में नेचर वन बनाने की योजना बनाई गई है। जल संवर्द्धन के साथ ही ग्रेविटी वाटर की दिशा में वन विभाग कार्ययोजना बना रहा है।

दो हजार स्कूलों में बनेंगे ईको क्लब

प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जयराज ने कहा कि इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग सवा तीन साल लगे। केंद्र सरकार भी सिटी फॉरेस्ट विकसित करने के लिए राज्यों को कार्ययोजना बनाने को कह रही है, लेकिन उत्तराखंड में यह तैयार भी हो चुका है, जहां अन्य राज्यों में सिटी फॉरेस्ट के लिए दो करोड़ का बजट मांगा जा रहा है। वहीं, देहरादून में करीब 50 हेक्टेयर भूमि पर इस सिटी फॉरेस्ट को केवल 43 लाख रुपये में तैयार कर लिया गया। अब यहां क्षेत्रवासियों को प्रमोट किया जाएगा। वन विभाग की ओर से प्रदेश के दो हजार स्कूलों में ईको क्लब बनाए जाएंगे।

साधना से तैयार हुआ आनंद वन

प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जयराज की पत्नी समाज सेविका साधना जयराज की मेहनत और लगन से आनंद वन तैयार हुआ है। साधना ने इस सिटी पार्क का डिजायन और तमाम आकृतियां तैयार की। वे पिछले तीन साल से इस सिटी फॉरेस्ट को तैयार कराने में जुटी थीं। उन्होंने बताया कि वे प्रकृति प्रेमी हैं और आमजन को भी प्रकृति को करीब से जानने का अवसर देना चाहती थीं। वन विभाग के इस कॉन्सेप्ट पर उन्होंने निस्वार्थ भाव से कार्य किया।

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आनंद वन में यह है खास

आनंद वन में औषधीय पौधों की वाटिका, सीता वाटिका, नवगृह वाटिका, नक्षत्र वाटिका, वसुधारा जल प्रपात, चिल्ड्रन पार्क, बर्डिंग पैराडाइज, वाटर कंसर्वेशन मॉडल, पीस एंड ट्रैंक्युलिटी, बटरफ्लाई गार्डन, जंगल रोर्स, एडवेंचर्स एक्टीविटी, इंफोर्मेशन कॉरिडोर, साइक्लिंग ट्रेल, आनंदी बुग्याल, ट्री हट, वेट लैंड आदि का लुत्फ लिया जा सकता है।

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