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कांग्रेस की बैठक में बड़े नेताओं के समर्थकों ने जमकर निकाला गुबार

कांग्रेस के प्रदेश महामंत्रियों की बैठक में बड़े नेताओं को केंद्र में रखकर समर्थकों ने जमकर गुबार निकाला। एकजुटता को लेकर बुलाई गई संगठन की बैठक पर धड़ेबंदी हावी हो गई।

By Edited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 11:21 AM (IST)
कांग्रेस की बैठक में बड़े नेताओं के समर्थकों ने जमकर निकाला गुबार
कांग्रेस की बैठक में बड़े नेताओं के समर्थकों ने जमकर निकाला गुबार

देहरादून, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्रियों की बैठक में बड़े नेताओं को केंद्र में रखकर समर्थकों ने जमकर गुबार निकाला। एकजुटता को लेकर बुलाई गई संगठन की बैठक पर धड़ेबंदी हावी हो गई। प्रदेश में कांग्रेस की वापसी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को उनके समर्थकों ने जरूरी करार दिया। वहीं विरोधियों ने पार्टी के मौजूदा हश्र के लिए रावत की एकला चलो नीति को दोषी ठहरा दिया। 

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कोरोना महामारी के संकट और 2022 में कांग्रेस को प्रदेश की सत्ता में वापस लाने की चिंता के बीच प्रदेश कांग्रेस महामंत्रियों की करीब छह घंटे चली बैठक में आरोप-प्रत्यारोप का लंबा दौर चला। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समर्थकों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह को निशाने पर लेने में कसर नहीं छोड़ी। नौबत यहां तक आ गई कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह को कहना पड़ा कि उनकी चुप्पी को कमजोरी कतई नहीं समझा जाए। संगठन को मजबूत कर जनता के बीच मजबूती से जाना वक्त की जरूरत है। इसे ध्यान में रखकर वह जवाब नहीं देना चाहते। अन्यथा बोलना शुरू किया तो बात बहुत दूर तक जाएगी।

दरअसल ललित फर्स्वाण और हेमेश खर्कवाल एवं अन्य प्रदेश महामंत्रियों ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपेक्षा का मुद्दा उठाया। साथ में 2022 में कांग्रेस की प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए उन्हें सबसे बड़ा चेहरा बताया। इसके पलटवार में प्रदेश महामंत्री हरीकृष्ट भट्ट, याकूब सिद्दीकी, संजय पालीवाल ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी को निशाने पर लेने का विरोध किया। 

उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान प्रदेश संगठन जनता के बीच सक्रिय रहा, जबकि कई नेता सोशल मीडिया पर रहकर काम चलाते रहे। प्रदेश महामंत्री राजेंद्र शाह ने हरीश रावत और किशोर उपाध्याय दोनों को ही निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कमान उन्हीं के हाथों में रही, लिहाजा वे अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकते। आरोप-प्रत्यारोप का यह सिलसिला बड़े नेताओं की मौजूदगी में ही खूब चला।

हरीश रावत ने रखा एक घंटे का उपवास

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कल्याण कोष से जरूरतमंदों की मदद की सलाह राज्य सरकार को दी है। अपने आवास पर उन्होंने एक घंटे का उपवास रखा। कहा कि उनके कार्यकाल में कलाकार, अधिवक्ता की सहायता को कल्याण कोष बना था। आज महामारी में उसका उपयोग हो सकता है।

कांग्रेस की वापसी को हर मुमकिन सहयोग 

हरीश पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की जुबां पर पिछले चुनाव में हार की टीस एक बार फिर उभर आई। प्रदेश महामंत्रियों की बैठक में शामिल होने पहुंचे हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री रहे, जिन्होंने उत्तराखंडियत और उसके मुद्दों को शिद्दत से आगे बढ़ाया। 

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कहा कि बावजूद इसके जनता ने उनकी पार्टी का ऐसा हश्र किया, इसका उन्हें अफसोस है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि पार्टी 2022 में सत्ता में वापसी करे। इसके लिए वह पार्टी को हर मुमकिन सहयोग देने को तैयार हैं। यह भी कहा कि उन्होंने परिवार को राजनीति में स्थापित करने को प्राथमिकता नहीं दी। उनका साला राजनीति में जरूर है, लेकिन इसकी वजह उनकी पारिवारिक सियासी पृष्ठभूमि है।

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