अब जिलाधिकारी खर्च कर सकेंगे जिला योजना का बजट, इस अध्यादेश को मिली मंजूरी
जिला योजना समितियों का गठन नहीं होने से जिला योजना का बजट खर्च करने में पेश आ रही अड़चन सरकार ने दूर कर दी है।
By Edited By: Published: Fri, 29 May 2020 09:01 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 01:51 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। जिला योजना समितियों का गठन नहीं होने से जिला योजना का बजट खर्च करने में पेश आ रही अड़चन सरकार ने दूर कर दी है। अब जिलाधिकारी प्रभारी मंत्री का अनुमोदन लेकर इस बजट का सदुपयोग कर सकेंगे। इसके लिए मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड जिला योजना समिति (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश को मंजूरी दी।
प्रदेश में अब तक जिला नियोजन समितियों (डीपीसी) का गठन नहीं हो पाया है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव बीते फरवरी में संपन्न होने के बाद डीपीसी चुनाव की तिथि पहले 12 मार्च तय की गई थी। बाद में इसे बढ़ाकर 22 मार्च कर दिया गया। डीपीसी के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद कोरोना महामारी से बचाव को लॉकडाउन लागू हो गया। इसके चलते सभी जिलों में डीपीसी का गठन नहीं हो पाया।
डीपीसी गठित नहीं होने की वजह से ही जिला योजना के बजट खर्च में पेच फंस गया था। राज्य सरकार बीते अप्रैल माह में ही जिला योजना की पहली किस्त जारी कर चुकी है। इस राशि को खर्च करने के लिए जिलाधिकारियों को गाइडलाइन भी जारी की गई, लेकिन इसके बावजूद इस धन का इस्तेमाल नहीं हो सका। सरकार के प्रवक्ता और काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि मंत्रिमंडल ने उक्त अध्यादेश लाकर दिक्कत दूर की है। कोरोना महामारी की वजह से डीपीसी का चुनाव कराना संभव नहीं है। ऐसे में जिलों में डीपीसी के अभाव में विकास कार्य अवरुद्ध हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ऐसी आपातकालीन परिस्थितियों में जिलाधिकारी, प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से जिला योजनाएं स्वीकृत करा सकेंगे। अपरिहार्यता और समय की कमी देखते हुए प्रस्तावित अध्यादेश पर विधायी विभाग की सहमति नहीं ली जा सकी है। कोल्ड स्टोरेज निर्माण में अड़चन दूर मंत्रिमंडल ने उत्तरकाशी जिले के आराकोट में नाबार्ड की आरआइडीएफ योजना के तहत एक हजार मीट्रिक टन सेब भंडारण क्षमता का कोल्ड स्टोरेज बनाया जा रहा है। यह निर्माण कार्यदायी संस्था मंडी परिषद को सौंपा गया है।
इस पर निर्माण लागत 13 करोड़ 46 लाख तीन हजार रुपये आनी है। मंडी परिषद को 10 करोड़ ही खर्च करने की अनुमति है। लिहाजा मंत्रिमंडल ने इस कोल्ड स्टोरेज की लागत के मुताबिक कार्य की छूट मंडी परिषद को देने पर मुहर लगा दी। टेंडर में अनुभव की शर्त समाप्त उत्तराखंड उपखनिज (बालू, बजरी, बोल्डर) चुगान नीति, 2016 में आंशिक संशोधन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि गढ़वाल मंडल विकास निगम के पट्टे नीलामी से वंचित रह गए। इन पट्टों को एक वर्ष के लिए देने का प्रविधान है। मंत्रिमंडल ने नीति में संशोधन कर पट्टे की अवधि बढ़ाकर पांच वर्ष करने का निर्णय लिया। इन पट्टों के लिए उपखनिज भंडारण क्षमता का एक वर्ष का अनुभव होने की शर्त खत्म की गई है। यही नहीं यदि दो बार निविदा होने के बाद भी कोई नहीं आया तो ऐसे पट्टों का संचालन जीएमवीएन खुद करेगा। निविदा की कार्यवाही ई-निविदा के माध्यम से की जाएगी।
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