Coronavirus: यहां होटल और ढाबे खोलकर हो रहा है लॉकडाउन का उल्लंघन Dehradun News
जौनसार क्षेत्र के साहिया में होटल ढाबे खोलकर संचालक लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं बावजूद इसके पुलिस प्रशासन इससे पूरी तरह नजरअंदाज कर रहा है।
देहरादून, जेएनएन। जौनसार क्षेत्र के साहिया में होटल ढाबे खोलकर संचालक लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं, बावजूद इसके पुलिस प्रशासन इससे पूरी तरह नजरअंदाज कर रहा है। मालूम हो कि सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार होटल, ढाबों से केवल होम डिलीवरी की छूट दी गई है। होटल, ढाबों व स्वीट शॉप पर आने वाले लोग भी शारीरिक दूरी रखने के बजाए एक दूसरे से बातचीत कर रहे हैं। प्रशासनिक अनदेखी के चलते यहां सक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।
तहसील प्रशासन की निष्क्रियता के चलते साहिया बाजार में सुबह से शाम तक होटल, भोजनालय खुल रहे हैं। संचालकों को सिर्फ होम डिलीवरी की ही छूट दी गई है। होटल ढाबों में आ रहे लोग फिजिकल डिस्टेंस का पालन नहीं कर रहे। मिठाई की दुकानों में चाय, पकौड़े व समोसे का आनंद लेने वाले भी शारीरिक दूरी के मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसे में क्षेत्र में लॉकडाउन-4 के नियमों का पालन कराने में तहसील प्रशासन पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है।
पूरे देश में करोना वायरस महामारी के चलते होटल, ढाबे, चाय, चाऊमीन की दुकानों को खोलने पर प्रतिबंध है, सिर्फ होम डिलीवरी की छूट है। साहिया बाजार में इन निर्देशों का अनुपालन नहीं हो रहा है। साहिया राजस्व चौकी में तैनात जिम्मेदारों की भी निगाह इन होटल, ढाबों की तरफ नहीं है।
वहीं उपजिलाधिकारी चकराता डॉ. अपूर्वा सिंह के अनुसार शीघ्र ही बाजार का निरीक्षण किया जाएगा, नियमविरुद्ध कुछ भी मिलने पर राजस्व उपनिरीक्षकों से स्पष्टीकरण तलब करने के साथ संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।
होटल व्यवसायियों को राहत दे सरकार
स्वर्गाश्रम होटल गेस्ट हाउस टूरिस्ट डेवलपमेंट सोसाइटी ने क्षेत्रीय विधायक ऋतु खण्डूड़ी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित कर होटल व्यवसायियों को राहत देने की मांग की।
ज्ञापन देने के दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन चोपड़ा ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण होटल एवं रेस्टोरेंट व्यवसायी के समक्ष गहरा आर्थिक संकट छा गया है। इसलिए व्यवसायियों को बैंक ऋण की मासिक किस्तों के भुगतान के लिये एक वर्ष की छूट दी जाए।
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साथ ही इस समयावधि मे ब्याज पूर्ण रूप से माफ किया जाए। इसके अतिरिक्त एक साल के लिए बिजली, सीवर, और पानी का बिल माफ किया जाए। पर्यटन व्यवसाय को पटरी पर लाने के लिये जीएसटी की दरों मे भी कटौती की जाये। विभिन्न प्रकार के लाइसेंस की समयावधि भी एक साल के लिये बढ़ाई जाए। विधायिका ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया की वो उनकी मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रख कर बात की जाएगी।