Coronavirus: घर जाने के लिए मजदूरों ने किया हंगामा, सड़क पर निकले पैदल Dehradun News
घर जाने के लिए ट्रेन व अन्य साधनों की प्रतीक्षा कर रहे सैकड़ों श्रमिकों का धैर्य जवाब दे गया। राजपुर के जाखन से करीब 150 श्रमिक पैदल ही रेलवे स्टेशन के लिए निकल पड़े।
देहरादून, जेएनएन। घर जाने के लिए ट्रेन व अन्य साधनों की प्रतीक्षा कर रहे सैकड़ों श्रमिकों का धैर्य जवाब दे गया। राजपुर के जाखन से करीब 150 श्रमिक पैदल ही रेलवे स्टेशन के लिए निकल पड़े। रास्ते में पुलिस ने उन्हें देखा तो इस तरह से निकलने का कारण पूछा। श्रमिकों ने कहा कि उन सभी ने रजिस्ट्रेशन करा रखा है, लेकिन अभी तक घर भेजने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्हें पता चला है कि देहरादून से ट्रेन जाने वाली है। ऐसे में वह ट्रेन पकड़ने जा रहे हैं। पुलिस ने सभी को समझा-बुझाकर शांत कराया और डीबीएस कॉलेज में ठहराया।
सुबह राजपुर रोड से जाखन क्षेत्र से दर्जनों श्रमिक घंटाघर की ओर जा रहे थे। वहां से गुजर रही एलआइयू कर्मी पुष्पा रावत की नजर उन पर पड़ी तो उन्होंने श्रमिकों से बात की। श्रमिकों ने बताया कि वह सहरसा बिहार के रहने वाले हैं और जाखन के आसपास एक स्थान पर ठहराए गए थे। वहां न तो खाने-पीने की व्यवस्था हो रही थी और न ही घर भेजने की।
एलआइयू कर्मी ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। एलआइयू इंस्पेक्टर देवेंद्र नेगी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक श्रमिक दिलाराम चौक पहुंच गए था। पुलिस यहां से सभी को समझा-बुझाकर जल संस्थान के बगल में स्थित पाइन हॉल स्कूल वाली गली से ओल्ड सर्वे रोड होते हुए डीबीएस कॉलेज ले गई, जहां फिलहाल उन्हें रखा गया है। यहां पुलिस ने सभी के खाने का भी इंतजाम भी किया।
दिल्ली से 13 बसों से पहुंचे प्रवासी
दिल्ली से बुधवार को 13 बसां से प्रवासी स्पोर्ट्स कॉलेज पहुंचे। दिल्ली भेजी गई 50 बसों में से 25 प्रवासियों को लेकर वापस आ चुकी हैं। एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली से पहुंचे प्रवासियों को सामान्य स्वास्थ्य जांच के बाद घरों के लिए रवाना किया गया।
इसमें टिहरी के 299, पौड़ी के 156, चमोली के दो, हरिद्वार के तीन, नैनीताल के 34, अल्मोड़ा के 92, चंपावत के 28, बागेश्वर के 79, पिथौरागढ़ के 79, ऊधमसिंहनगर के सात समेत कुल 779 लोग शामिल हैं। वहीं, मुजफ्फरनगर के 40 व नगीना के तीन लोगों को भी उनके गृह जनपद रवाना किया गया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के 585, बिहार के 374, झारखंड के 105, मध्य प्रदेश के के 42, नेपाल के नौ और पंजाब के 14 लोगों को उनके राज्य भेजा गया।
बिहार व उप्र के 2188 यात्री रवाना
देहरादून में फंसे बिहार व उत्तर प्रदेश के लोगों की घर वापसी के लिए दून से किशनगंज, बिहार और गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के लिए एक-एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई। बिहार के किशनगंज जाने वाली ट्रेन में 1152 व गोरखपुर, उत्तर प्रदेश जाने वाली ट्रेन में 1036 यात्री रवाना किए।
सवा दस बजे आना शुरू हुए बिहार के लोग
किशनगंज, बिहार जाने वाले यात्रियों का स्टेशन पर आगमन सुबह सवा दस बजे शुरू हुआ। पुलिस चौकी व थानों में पंजीकृत हुए इन यात्रियों में अधिकांश श्रमिक रहे। बन्नू स्कूल से इन्हें छोटी-छोटी टुकड़ियों में स्टेशन लाया गया। यहां आसरा ट्रस्ट के सहयोग से जिला प्रशासन ने प्रत्येक यात्री को भोजन सामग्री, सेनिटाइजर व मास्क उपलब्ध कराए।
व्यवस्था की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल के साथ सीओ सिटी शेखर सुयाल, एसपी जीआरपी मनोज कत्याल के साथ रेलवे के अधिकारी भी मौजूद रहे। ट्रेन रवाना होते हुए सभी ने हाथ हिलाकर अभिवादन भी किया।
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गोरखपुर गए 1036 यात्री
गोरखपुर के लिए रवाना हुई ट्रेन के लिए 1152 ने पंजीकरण कराया था। जबकि ट्रेन के समय तक 1036 यात्री ही पहुंचे। जिसके बाद तय समय ट्रेन को रवाना किया।
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