संकट की घड़ी में घर बैठे डॉक्टरों से सलाह ले रहे लोग, ऑनलाइन पंजीकरण कर आप भी उठाएं लाभ
संकट की इस घड़ी में स्वास्थ्य सेवाओं को संजीवनी मिल गई है। ई-संजीवनी ओपीडी सेवा के जरिये आमजन अब घर बैठे चिकित्सीय परामर्श ले रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए चार चरण में लॉकडाउन किया गया, जिसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ा है। यह भी प्रयास किया जा रहा है कि अस्पतालों में भी भीड़ कम से कम रहे। संकट की इस घड़ी में स्वास्थ्य सेवाओं को 'संजीवनी' मिल गई है। ई-संजीवनी ओपीडी सेवा के जरिये आमजन अब घर बैठे चिकित्सीय परामर्श ले रहे हैं। प्रदेशभर में पांच सौ से अधिक लोग अब तक इस टेली मेडिसिन सेवा का लाभ ले चुके हैं।
ई-संजीवनी ओपीडी में डॉक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मरीजों को परामर्श देते हैं। प्रदेश में यह सेवा सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक उपलब्ध है, जिसमें तीन मेडिकल कॉलेजों के 52 चिकित्सक जुड़े हैं। हर दिन दस चिकित्सक मरीजों को ऑनलाइन परामर्श देते हैं। ई-संजीवनी के नोडल अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह मर्तोलिया का कहना है कि इस सेवा का मकसद यह है कि अस्पतालों में भीड़ नियंत्रित कर कोरोना के खतरे को कम किया जा सके। साथ ही आमजन को सुलभता और सरलता से घर बैठे चिकित्सीय परामर्श मिले।
यही नहीं, इस सेवा ने भविष्य के लिए भी नए द्वार खोल दिए हैं। दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह खासी फायदेमंद है। उन्हें सरलता से विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श मिल सकता है। उन्होंने बताया कि लोग नियमित इस सेवा का लाभ ले रहे हैं। प्रदेश में अब तक 509 मरीज इस सेवा के माध्यम से चिकित्सकों से परामर्श ले चुके हैं।
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ऐसे होगा ऑनलाइन पंजीकरण
सबसे पहले मरीज esanjeevaniopd.in पोर्टल से अपना मोबाइल नंबर ओटीपी के माध्यम से सत्यापित कर पंजीकरण करें। इसके बाद पेशेंट आइडी और टोकन नंबर मरीज के मोबाइल पर एसएमएस के जरिये भेज दिए जाएंगे। मरीज अपनी पेशेंट आइडी या टोकन नंबर डालकर सिस्टम में लॉग-इन करें। अपनी बारी का इंतजार करें और टोकन नंबर आने पर ऑनलाइन चिकित्सक से परामर्श प्राप्त करें। टेली-कंसल्टेशन पूर्ण होने पर ई-प्रिसक्रिप्शन डाउनलोड किया जा सकता है। इसकी सूचना भी मरीज के मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगी।
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