Good News: अब देहरादून से दिल्ली सिर्फ ढ़ाई घंटे दूर, एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे बनने से मिलेगी ये सुविधा
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से दिल्ली का सफर भविष्य में ढाई से तीन घंटे में पूरा हो सकेगा। ऐसा होगा दिल्ली-देहरादून के बीच बनने वाली इकोनॉमिक कॉरिडोर के जरिये।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से दिल्ली का सफर भविष्य में ढाई से तीन घंटे में पूरा हो सकेगा। ऐसा होगा दिल्ली-देहरादून के बीच बनने वाली इकोनॉमिक कॉरिडोर के जरिये। इसमें एलिवेटेड एक्सप्रेस वे बनाया जाना प्रस्तावित है। केंद्र ने इसकी सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के चेयरमैन एसएस संधू ने सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर यह जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसका प्रस्तुतिकरण भी दिया।
सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात के दौरान एनएचएआइ के चेयरमैन ने बताया कि शीघ्र ही देहरादून से दिल्ली के लिए इस नए राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इस राजमार्ग का कुछ भाग उत्तर प्रदेश के वन एवं वन्यजीव क्षेत्र से होकर गुजरता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इसके लिए उत्तर प्रदेश से अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरू कराने को उच्चाधिकारियों को निर्देशित किया जाए। मुख्यमंत्री ने एक्सप्रेस वे की सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस कार्य में एनएचएआइ की पूरी मदद करेगी।
दोपहर बाद सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस इकोनॉमिक कॉरिडोर के निर्माण का प्रस्तुतिकरण दिया गया। बताया गया कि तीन सेक्शन में इस राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जाएगा। इसकी शुरुआत अक्षरधाम से की जाएगी। दूसरा सेक्शन सहारनपुर बाईपास और तीसरा सेक्शन गणेशपुर से देहरादून के लिए बनेगा। इसकी अनुमानित लागत तकरीबन आठ हजार करोड़ रुपये आएगी। इस पूरे मार्ग को चार लेन का बनाया जाएगा। देहरादून में डाट काली मंदिर के पास एक और सुरंग निर्माण किया जाएगा। राजमार्ग इस तरह से बनाया जाएगा कि वाहन इस पर सौ किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकें। ऐसे में देहरादून से दिल्ली की दूरी ढाई से तीन घंटे में पूरी हो सकेगी।
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बैठक में मुख्य सचिव ने परियोजना के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए विभागीय समिति बनाने के निर्देश दिए। इसमें अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग, प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव वन एवं पर्यावरण अरविंद सिंह ह्यांकी, प्रमुख अभियंता लोनिवि हरिओम शर्मा, एनएचआइ के क्षेत्रीय अधिकारी सीके सिन्हा, परियोजना निदेशक वैभव मित्तल व अनुसचिव डीके पुनेठा समेत तमाम अधिकारी उपस्थित थे।
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