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हाथापाई प्रकरण में पार्षद सुमित्रा एक माह के लिए कांग्रेस से निलंबित

नगर निगम में कार्यकारिणी चुनाव के दौरान दो महिला कांग्रेसी पार्षदों में हाथापाई के मामले में पार्टी ने पार्षद सुमित्रा ध्यानी को एक माह के लिए पार्टी सदस्यता से निलंबित कर दिया।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 11:26 AM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 11:27 AM (IST)
हाथापाई प्रकरण में पार्षद सुमित्रा एक माह के लिए कांग्रेस से निलंबित
हाथापाई प्रकरण में पार्षद सुमित्रा एक माह के लिए कांग्रेस से निलंबित

देहरादून, जेएनएन। नगर निगम में कार्यकारिणी चुनाव के दौरान गत नौ जनवरी को दो महिला कांग्रेसी पार्षदों में हाथापाई के मामले में पार्टी ने पार्षद सुमित्रा ध्यानी को एक माह के लिए पार्टी सदस्यता से निलंबित कर दिया है। पार्टी की ओर से मामले में जांच कराई गई और पार्षद ध्यानी पर लगे आरोपों को सही पाया गया। 

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नौ दिसंबर को नगर निगम में बोर्ड बैठक के दौरान कार्यकारिणी के चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी। इसी बीच सदन में कांग्रेस की यमुना कालोनी से पार्षद सुमित्रा ध्यानी और बल्लूपुर से पार्षद कोमल बोहरा में मारपीट हो गई। दोनों में जमकर थप्पड़ चले, इससे सदन में जमकर हंगामा हुआ। दूसरे पार्षदों ने बीच-बचाव कर उन्हें अलग किया था। 

हंगामे में सदन की कार्रवाई लगभग आधा घंटा रुकी रही। इसके बाद महापौर सुनील उनियाल गामा की ओर से दोनों पार्षदों को अपने कक्ष में बुलाकर कड़ी चेतावनी जारी की गई थी। पार्षद कोमल बोहरा द्वारा पार्टी हाईकमान से शिकायत की गई थी, जबकि पार्षद सुमित्रा ने खुद पर लगे आरोप झुठला दिए थे। 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने इस मामले की जांच अनुशासन समिति के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह को दी थी। जांच व दोनों पक्षों को सुनने के बाद पार्षद ध्यानी के स्पष्टीकरण को अनुचित माना गया और उनकी सदस्यता एक माह के लिए निलंबित कर दी गई। 

कांग्रेस भवन से ही थी तनातनी  

महिला पार्षद सुमित्रा ध्यानी व कोमल बोहरा में आठ जनवरी को कांग्रेस भवन में टिकट को लेकर बुलाई बैठक से तनातनी चल रही थी। पार्टी ने चार पार्षदों के नाम तय किए। इसमें कोमल व सुमित्रा के साथ ही उर्मिला थापा व राजेश परमार के नाम शामिल थे। 

बाद में पार्टी केवल दो नाम पर भी सहमति बनाना चाह रही थी। जिस पर कोमल बोहरा ने पर्ची के जरिए दो नाम तय करने को कहा। आरोप था कि सुमित्रा इस पर अड़ गईं व उनका टिकट कन्फर्म करने को कहा। इसी दौरान सुमित्रा व कोमल में विवाद हो गया था। 

फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा मामले में राजभवन पहुंची कांग्रेस

फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की जांच की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में दस्तक दी। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को सौंपे ज्ञापन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर परीक्षार्थी के ओएमआर सीट पोस्ट करने की उच्चस्तरीय जांच की जाए।

ज्ञापन में कहा गया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से आयोजित फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में धांधली की बात कही जा रही है। परीक्षा के नाम पर बेरोजगारों से खिलवाड़ किया जा रहा है। परीक्षा केंद्र के भीतर परीक्षार्थी के मोबाइल फोन से ओएमआर सीट की फोटो खींचना और उसे सार्वजनिक करने की जानकारी की उच्चस्तरीय व न्यायिक जांच की जानी आवश्यक है।

पार्टी ने परीक्षा निरस्त कर उक्त धांधली व गोपनीयता भंग कराने में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया कि सरकार तीन साल बीतने पर भी लोकायुक्त नहीं ला पाई है। इससे सरकारी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एनएच-74 मामले में भी सरकार बैकफुट पर है। एसआइटी जांच में एनएच घोटाले में लिप्त अधिकारियों को निलंबित करने के बाद बहाल किया जा चुका है। स्थानांतरण एक्ट की आड़ में भ्रष्टाचार का गोरखधंधा हुआ है।

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ज्ञापन में प्रदेश सरकार को कई मुद्दों पर निशाने पर लिया गया है। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश कांग्रेस एससी प्रकोष्ठ अध्यक्ष राजकुमार, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा व परवादून जिला कांग्रेस अध्यक्ष संजय किशोर शामिल थे।

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