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जीएसटी अफसर ने की जबरन वसूली, खाते में 20 हजार की रकम डलवाई

देहरादून के आशारोड़ी चेकपोस्ट (मोबाइल दस्ता) पर तैनात एक अधिकारी पर एक मालवाहक को रुकवाकर जबरन वसूली करने का आरोप है। साथ ही अधिकारी ने एक खाते में भी 20 हजार रुपये की रकम डलवाई।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 09:26 AM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 09:26 AM (IST)
जीएसटी अफसर ने की जबरन वसूली, खाते में 20 हजार की रकम डलवाई
जीएसटी अफसर ने की जबरन वसूली, खाते में 20 हजार की रकम डलवाई

देहरादून, सुमन सेमवाल। राज्य माल और सेवा कर विभाग (स्टेट जीएसटी) में भ्रष्टाचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। देहरादून के आशारोड़ी चेकपोस्ट (मोबाइल दस्ता) पर तैनात एक अधिकारी पर एक मालवाहक को रुकवाकर जबरन वसूली करने का आरोप है। साथ ही अधिकारी ने एक खाते में भी 20 हजार रुपये की रकम डलवाई। माल मंगाने वाले हनुमान चौक के कारोबारी ने इस मामले में सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। प्रकरण के सामने आने के बाद से विभाग में हड़कंप की स्थिति है और इसकी जांच शुरू कर दी गई है।

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सीएम पोर्टल पर हनुमान चौक के व्यापारी अनिल माटा की ओर से दर्ज शिकायत के अनुसार, उन्होंने 15 फरवरी को हिसार से अस्पतालों में कूड़े में प्रयुक्त होने वाले थैले मंगाए थे। उनका मालवाहक वाहन (एचआर 39सी 7088) देर रात आशारोड़ी चेकपोस्ट पर पहुंचा, तो वहां तैनात एक अधिकारी ने वाहन को रुकवा दिया। माल ई-वे बिल पर मंगाया जा रहा था। हालांकि, तय समय (रात एक बजकर 30 मिनट) तक ई-वे बिल का पार्ट-बी फाइल नहीं था। माल भेजने वाले कारोबारी ने तड़के तीन बजे के आसपास इसे भी अपडेट कर दिया।

आरोप है कि इसके बाद भी संबंधित अधिकारी ने वाहन नहीं छोड़ा और वाहन चालक की जेब से जबरन 9500 रुपये निकाल लिए। साथ ही और पैसे की मांग की गई। चालक ने माल भेजने वाले कारोबारी को फोन कर पूरी स्थिति बताई। माल भेजने वाले कारोबारी से भी अधिकारी की बात कराई गई। 

कारोबारी ने जब यह कहा कि चालक के पास और पैसे नहीं हैं तो अधिकारी ने एक बैंक अकाउंट नंबर दे दिया। कारोबारी ने इस नंबर पर सुबह पांच बजकर 52 मिनट पर गूगल-पे से 20 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। तब जाकर अधिकारी ने वाहन को आगे जाने दिया।

मेरठ का है अकाउंट नंबर

सीएम पोर्टल में दर्ज कराई गई शिकायत के साथ देहरादून के कारोबारी अनिल माटा ने गूगल-पे से रकम भेजने का स्क्रीनशॉट भी अपलोड किया। यह अकाउंट नंबर पीएनबी, मेरठ का है और खाताधारक का नाम अजय मलिक बताया जा रहा है। पीएनबी के इस खाते से भी यह राशि तत्काल एसबीआइ के एक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई। यह अकाउंट अनिल कुमार के नाम पर है। 

इसके अलावा प्रकरण में वसूली की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सामने आई है। स्टेट जीएसटी के सूत्रों के अनुसार, आशारोड़ी पर चार जीएसटी अधिकारियों की तैनाती थी और इनमें से एक अधिकारी का मेरठ कनेक्शन भी सामने आ रहा है।

विजिलेंस जांच की मांग

सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत में दून के कारोबारी अनिल माटा ने संबंधित अधिकारी की विजिलेंस जांच की मांग भी की है। शिकायतकर्ता कारोबारी के अधिवक्ता अरविंद जैन के अनुसार विजिलेंस अधिकारियों के संज्ञान में भी प्रकरण आ चुका है।

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इस गंभीर मामले की हो रही है जांच 

 अपर आयुक्त (स्टेट जीएसटी) विपिन चंद्रा के अनुसार, यह गंभीर मामला है। इसकी जांच संबंधित सहायक आयुक्त कर रहे हैं। उन्हें सभी तथ्यों को समावेशित कर जांच करने को कहा गया है। यदि उनके स्तर से समुचित कार्रवाई नहीं की गई तो यह मामला स्वत: ही अपर आयुक्त स्तर पर देखा जाएगा।

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