कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बीच सुकून भरी खबर, दून अस्पताल में बढ़े 20 आइसीयू बेड
दून में कोरोना का ग्राफ दिन-ब-दिन बढ़ता रहा है। स्थिति ये है कि अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे हैं। ज्यादा दिक्कत आइसीयू बेड की है।
देहरादून, जेएनएन। राजधानी दून में कोरोना का ग्राफ दिन-ब-दिन बढ़ता रहा है। स्थिति ये है कि अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे हैं। ज्यादा दिक्कत आइसीयू बेड की है। वर्तमान में न तो सरकारी अस्पताल में आइसीयू बेड खाली हैं और न ही निजी अस्पताल में। इस चिंता के बीच अब एक सुकून भरी खबर आई है। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 आइसीयू बेड और बढ़ गए हैं, जिसके बाद यहां आइसीयू बेड की कुल संख्या 55 हो गई है। एक और अच्छी बात यह कि अस्पताल प्रबंधन को जरूरत के मुताबिक अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति की भी अनुमति मिल गई है।
प्रदेश में कोरोना का पहला मामला पंद्रह मार्च को दून में ही सामने आया था। शुरुआती चरण में जो मरीज थे उनमें से अधिकांश कम लक्षण वाले थे। कम मरीजों को ही ऑक्सीजन, आइसीयू और वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही थी। लेकिन, पिछले कुछ वक्त से ऐसे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है और तमाम इंतजाम ध्वस्त होते जा रहे हैं। इस बीच शासन ने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 नए आइसीयू बेड तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जिनमें 20 बेड तैयार कर लिए गए हैं। एकाध दिन में यहां मरीज भी भर्ती होने लगेंगे। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि आइसीयू बेड चरणबद्ध ढंग से बढ़ाए जा रहे हैं। जिसके लिए सभी उपकरण उपलब्ध हैं।
इसके अलावा अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्त को भी शासन से अनुमति मिल गई है। जिसके तहत कॉन्ट्रेक्ट पर 90 चिकित्सकों की नियुक्ति होनी है। इनमें दस एनेस्थेटिस्ट, दस फिजिशियन, दस बाल रोग विशेषज्ञ, दस श्वास एवं छाती रोग विशेषज्ञ और अन्य एमबीबीएस चिकित्सक हैं। नर्सों व तकनीशियन की भी नियुक्ति की जानी है। जिसके लिए विज्ञापन जल्द निकाला जाएगा। बहरहाल इस बीच अधिकारियों की चिंता ये है कि नियुक्ति जरूर निकाली जा रही है, पर अभी तक का जो ट्रेंड रहा है कोविड-हॉस्पिटल में ड्यूटी करने में कम ही लोग दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
कोविड-केयर सेंटर की बत्ती गुल
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में शुक्रवार को बिजली चली गई। जिस वजह से करीब पांच घंटे तक मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। जानकारी के अनुसार करीब एक बजे कोविड-केयर सेंटर के तृतीय तल पर बिजली चली गई। करीब एक घंटे तक बत्ती गुल रही तो मरीजों ने नीचे डॉक्टरों को फोन कर बताया। पूर्व विधायक राजकुमार को भी कुछ मरीजों ने इसकी सूचना दी।
घंटों तक स्टाफ इलेक्ट्रीशियन की व्यवस्था में जुटा रहा। क्योंकि, यहां तैनात कंपनी के तकनीशियन ने ऊपर जाने से मना कर दिया। फिर दो स्वास्थ्यकर्मी ऊपर गए और एक इलेक्ट्रीशियन से फोन कर बात कर तकनीकी खामी दूर की। इस दौरान पंखें नहीं चलने से मरीज पसीने में तर-बतर हो गए। यही नहीं दवा और पीने के लिए पानी भी वह गर्म नहीं कर सके। पूर्व विधायक का कहना है कि व्यवस्थाएं दुरुस्त न की गई तो अफसरों का घेराव किया जाएगा। वहीं, कोविड केयर सेंटर के प्रभारी डॉ. आनंद शुक्ला ने बताया कि इलेक्ट्रीशियन और प्लबंर के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है।