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Uttarakhand Vidhan Sabha Winter Session: सरकार ने किया स्पष्ट, टीएचडीसी के एनटीपीसी में विलय का नहीं मिला पत्र

टीएचडीसी का एनटीपीसी में विलय के संबंध में केंद्र से कोई पत्र राज्य सरकार को नहीं मिला है। विपक्ष के सवाल पर जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने सदन को यह बात कही।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 08:35 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 08:35 AM (IST)
Uttarakhand Vidhan Sabha Winter Session: सरकार ने किया स्पष्ट, टीएचडीसी के एनटीपीसी में विलय का नहीं मिला पत्र
Uttarakhand Vidhan Sabha Winter Session: सरकार ने किया स्पष्ट, टीएचडीसी के एनटीपीसी में विलय का नहीं मिला पत्र

देहरादून, राज्य ब्यूरो। टीएचडीसी का एनटीपीसी में विलय के संबंध में केंद्र से कोई पत्र राज्य सरकार को नहीं मिला है। विधानसभा सत्र के दौरान को विपक्ष की ओर से रखे गए इस मसले का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने सदन को यह जानकारी दी। 

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उन्होंने कहा कि जब भी केंद्र सरकार ऐसा करने पर विचार करेगी तो राज्य से विमर्श अवश्य करेगी। यदि ऐसा मसला आता है तो राज्यहित के विषयों को लेकर सरकार चट्टान की तरह खड़ी रहेगी। इसमें हिस्सेदारी, पुनर्वास, कार्मिकों के हित जैसे मसले शामिल होंगे।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने टीएचडीसी का मुद्दा उठाते हुए नियम 310 (सभी कामकाज रोककर चर्चा) में चर्चा की मांग की। पीठ ने इसे नियम 58 की ग्राह्यता पर सुनने की व्यवस्था दी। बाद में विषय की ग्राह्यता पर डॉ.हृदयेश ने कहा कि टीएचडीसी न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि राष्ट्रीय धरोहर है। अब इसे एनटीपीसी को सौंपा जा रहा। इससे राज्यवासियों के साथ ही टीएचडीसी में कार्यरत कार्मिक भयभीत हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है, जो लाभ में चल रहे इस संस्थान का विलय किया जा रहा है।

विधायक प्रीतम सिंह ने टीएचडीसी व एनटीपीसी से जुड़े आंकड़े पेश करते हुए टीएचडीसी को राज्य के लिए अहम बताया। कहा कि यदि इसे बचाने को आवाज बुलंद नहीं की गई तो भावी पीढ़ी माफ नहीं करेगी। विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल और ममता राकेश ने भी अपनी बात रखी। हालांकि, सरकार की ओर से जवाब आने के बाद पीठ ने इस मुद्दे को अग्राह्य कर दिया।

चकराता को इनर लाइन से निकालने पर केंद्र से होगी बात

चकराता को इनर लाइन से निकालने के लिए प्रदेश सरकार केंद्र से बातचीत करेगी। इसका मकसद इस क्षेत्र को विदेशी पर्यटकों की आवाजाही को खोलना है। सदन में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने विधायक मुन्ना सिंह चौहान द्वारा पूछे गए अनुपूरक सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही। 

उन्होंने कहा कि सरकार का यह प्रयास रहेगा कि देहरादून जिले के चकराता व अन्य क्षेत्रों को इनर लाइन से बाहर निकाला जाए। इससे पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल के सवाल का जवाब देते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा कि विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विदेशों में होने वाले ट्रेवल मार्ट के जरिये प्रचार प्रसार किया गया। 

पर्यटकों से होने वाली आमदनी से राज्य में आय के स्रोत बढ़ाने के लिए दीनदयाल होम स्टे व वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजनाएं शुरू की गई हैं। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के सवाल का जवाब देते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा कि नैनीताल में सीजन के दौरान पर्यटकों की भीड़ से निजात दिलाने को मल्टी लेवल पार्किंग और रोपवे के निर्माण का विचार चल रहा है।

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विधायक मसूरी गणेश जोशी के सवाल का जवाब देते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा कि मसूरी में बुरांसखंडा और जार्ज एवरेस्ट को विकसित किया जाएगा। जार्ज एवरेस्ट को हैरीटेज के रूप में विकसित करने की योजना है। यहां एक संग्रहालय भी बनाया जाएगा, जिसमें उन उपकरणों को रखा जाएगा, जिससे एवरेस्ट की ऊंचाई नापी गई थी।

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