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दिल्ली और लखीमपुर जा रहीं दो डग्गामार बसें की गई सीज Dehradun News

संचालित हो रही डग्गामार बसों पर परिवहन विभाग और रोडवेज की संयुक्त टीम ने शनिवार देर शाम चेकिंग अभियान चलाया। इसमें दिल्ली और लखीमपुर जा रही दो बसें सीज कर दी गई।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 04:11 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 04:11 PM (IST)
दिल्ली और लखीमपुर जा रहीं दो डग्गामार बसें की गई सीज Dehradun News
दिल्ली और लखीमपुर जा रहीं दो डग्गामार बसें की गई सीज Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। दून से दिल्ली और अन्य शहरों के लिए संचालित हो रही डग्गामार बसों पर परिवहन विभाग और रोडवेज की संयुक्त टीम ने शनिवार देर शाम चेकिंग अभियान चलाया। इसमें दिल्ली और लखीमपुर जा रही दो बसें सीज कर दी गई। दोनों बसों में सवार यात्रियों को रोडवेज की दूसरी बसें मंगाकर रवाना किया गया। 

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डग्गामार बसों को लेकर दैनिक जागरण ने शनिवार के अंक में खबर प्रकाशित की थी। इसमें गुरुवार रात आइएसबीटी की घटना के बारे में जिक्र किया गया था कि किस तरह से डग्गामार बस संचालक ने सवारी बैठाने का विरोध करने पर रोडवेज कर्मचारियों से बदसलूकी की। इतना ही नहीं संचालक की ओर से परिवहन मंत्री के नाम का इस्तेमाल कर धमकी भी दी गई थी। खबर का संज्ञान लेकर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने फोन पर सचिव परिवहन को कार्रवाई के आदेश दिए। सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने इस मामले में एआरटीओ अरविंद पांडे को टीम बनाकर डग्गामार बसों को सीज करने का आदेश दिया। 

देर शाम संयुक्त टीम ने दून-दिल्ली मार्ग पर आशारोड़ी जबकि दून-हरिद्वार मार्ग पर जोगीवाला में चेकिंग शुरू की। दिल्ली जा रही एक एसी बस और लखीमपुर जा रही एक साधारण डग्गामार बस पकड़ में आई। दिल्ली की बस में 40 जबकि लखीमपुर की बस में 22 सवारी थी। वहीं, चेकिंग करने की सूचना डग्गामार संचालकों को मिल गई और इसके बाद जाने वाली बसों को रवाना ही नहीं होने दिया गया। देर रात तक बसों की चेकिंग जारी थी।   

राज्यपाल को यूनियन ने भेजा पत्र 

रोडवेज की दुर्दशा पर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने राज्यपाल को पत्र भेज उचित कदम उठाने की मांग की है। प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी की ओर से प्रेषित पत्र में बताया गया कि परिवहन निगम पर कर्मचारियों के देयकों के 90 करोड़ रुपये बकाया हैं। कर्मियों के वेतन से करीब 17 करोड़ रुपये काट लिए गए लेकिन ऋण और बचत समितियों को भुगतान नहीं किया जा रहा। कर्मियों को समय से वेतन नहीं मिल रहा। निगम में विशेष श्रेणी और संविदा पर काम कर रहे कर्मियों को समान काम और समान वेतन नहीं दिया जा रहा। 

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सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के नाम पर बस में मुफ्त सफर का साढ़े 85 करोड़ बकाया है। डग्गामार बस संचालकों पर सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। यह ही नहीं यूपी से परिसंपत्ति का बंटवारा तक नहीं किया जा रहा। कर्मचारी इस स्थिति में अगर आंदोलन करना चाह रहे तो सरकार एस्मा लगा रही। यूनियन ने आग्रह किया है कि राज्यपाल मामले में दखल देकर उचित कदम उठाएं।   

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