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जहरीली शराब कांड: इलाज न मिला तो दून अस्पताल में हंगामा

जहरीली शराब पीने से एक युवक की रात साढ़े बारह बजे के आसपास हालत बिगड़ गई थी। इस पर परिजन उसको लेकर दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय लाए जहां इलाज नहीं मिला।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 11:29 AM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 11:29 AM (IST)
जहरीली शराब कांड: इलाज न मिला तो दून अस्पताल में हंगामा
जहरीली शराब कांड: इलाज न मिला तो दून अस्पताल में हंगामा

देहरादून, जेएनएन। शहर के पथरियापीर क्षेत्र में जहरीली शराब पीने वालों पर दोहरी मार पड़ी है। एक तरफ जहरीली शराब पीने से जहां छह लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं, उन्हें भी पैसों के अभाव में इलाज नहीं मिल पा रहा है। हैरानी वाली बात है कि पैसे नहीं मिलने पर एंबुलेंस चालक ने एक मरीज को बीती रात को मसूरी रोड पर जंगल में छोड़ दिया।

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मिली जानकारी के अनुसार जहरीली शराब पीने से पथरियापीर निवासी 26 वर्षीय अंशु पुत्र देशराज की शुक्रवार रात साढ़े बारह बजे के आसपास हालत बिगड़ गई थी। इस पर परिजन उसको लेकर दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय यानी दून अस्पताल पहुंचे। दून अस्पताल में आइसीयू उपलब्ध नहीं होने पर परिजन रात को ही अंशु को एंबुलेंस से मैक्स अस्पताल ले गए। परिजनों ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के खर्च के रूप में 50 हजार रुपये एडवांस जमा कराने को कहा। इतने पैसे नहीं होने पर परिजन उसी एंबुलेंस से मरीज को वापस दून अस्पताल लाने लगे।

परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस चालक ने इसकी एवज में 1800 रुपये मांगे। पैसे न होने की बात कहने पर एंबुलेंस चालक और परिजनों में विवाद हो गया। इस पर एंबुलेंस चालक ने मरीज और परिजनों को मसूरी रोड पर जंगल वाले क्षेत्र में छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि परिजनों में महिलाएं भी थीं। किसी तरह परिजन मरीज को लेकर घर पहुंचे। शनिवार दोपहर फिर अंशु की तबीयत खराब हो गई। इसके बाद परिजन उसको लेकर दून अस्पताल पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को हायर सेंटर रेफर करने की सलाह दी। सरकारी सिस्टम से नाराजगी जताते हुए परिजनों और क्षेत्रवासियों ने अस्पताल में जमकर हंगामा भी किया। बाद में अस्पताल प्रबंधन ने 108 एंबुलेंस के माध्यम से अंशु को ऋषिकेश स्थित एम्स के लिए रेफर किया।

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उधर, दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. केके टम्टा का कहना है कि अस्पताल में आईसीयू नहीं होने के कारण मरीज को एम्स के लिए रेफर किया गया। जिस एंबुलेंस के चालक पर रास्ते में उतारने का आरोप लग रहा है, उसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

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